September 16, 2024

राजा के सम्मान में वीरान हो गई हरी-भरी बगियाँ

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पर्यावरण के’ रखवालो’ ने हरी-भरी बाग काटकर पर्यावरण को छति पहुंचायी

अमिट रेखा/तमकुही राज /कुशीनगर
वनस्पति की रचना पर्यावरण की शोभा इस क्षेत्र की धरोहर को बर्षो से संयोगे अधिकारियों की देखरेख में माली ने अपने खून पसीने से सींच कर हजारों वृक्ष तैयार किया था। जिसको पलक झपकते ही कुशीनगर जिला प्रशासन ने एक इशारे पर विध्वंस करा दिया ,सभी पेड़ लीची और अमरूद के साथ ही अगल-बगल के काटकर धारासाही कर दिए गये, जिससे पर्यावरण संतुलन को बहुत बड़ा आघात लगा है चौकने की बात नहीं है यह कुशीनगर जनपद मैं तथागत की धरती पर स्थापित वृक्षों के साथ निर्दयता पूर्वक की गई कार्यवाही की कहानी है इसके लिए वन विभाग सहित जनपद के जिम्मेदार अधिकारी दोषी हैं अगर कोई व्यक्ति बिना वन विभाग की अनुमति प्राप्त किए एक हरा पेड़ कहीं काट देता है तो हमारे कलमकार साथी अपने अपने अखबारों की सुर्खियों का जगह देकर इसे हाईलाइट करते रहते हैं हमारी तेजतर्रार कर्तव्यनिष्ठ पुलिस आरोपियों को पकड़कर वन संरक्षण अधिनियम की धाराओ अधीन जेल भेजने का कार्य करती है परंतु विडंबना है कि इतनी बड़ी हरे पेड़ों की कटान की बात ,वह कौन सी मजबूरी है? कि सभी लोग हाथ पर हाथ धर के देखते रहे हैं इसका जवाब देने वाला कौन है ?गौरतलब है कि भारत के प्रधानमंत्री द्वारा 20 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा कुशीनगर का उद्घाटन समारोह संपन्न करना है इस समारोह में मेहमान देश श्रीलंका के राष्ट्रपति सहित सैकडोकी तादाद में बौद्ध भिक्षु गणों का आगमन हो रहा है भारत सोने की चिड़िया कहलाने वाला देश है यहां की पर्यावरण सुरक्षा के लिए अरबों खरबों रुपया लगाकर वातावरण को शुद्ध करने के लिए हरे पेड़ों का साम्राज्य कायम किया गया फिर भी एक राजा द्वारा अपनी प्रजा को संदेश देने के लिए कुशीनगर जनपद में स्थित बरवा फार्म में हजारों पेड़ों को कटवा दिया गया जहां पर पानी की तरह पैसा बहा कर राजा को खुश करने के लिए? परन्तु प्रकृति के साथ छेड़छाड़ करते हुए स्थान नियत की गई जबकि हरे पेड़ कटवा कर प्रदूषित वायुमंडल को आमंत्रित किया गया है वन विभाग के आला अधिकारिय के बिना स्वीकृति के बाद इतने बड़े पैमाने पर हरे वृक्षों की कटान की गई है इसका जिम्मेदार कौन है यह क्षेत्र है या यहां की जनता है, कि यहां के राजा हैं या यहां के आला अधिकारी

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