(देवरिया में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलेंगे राजस्व अभिलेख में मर चुके रामअवध)
अमिट रेखा दिनेश गुप्ता
तहसील प्रभारी
देवरिया।उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में तीन साल से जिंदा होने का सबूत लेकर रुद्रपुर तहसील में धूम रहे डाला गांव के रामअवध देवरिया आ रहे मुख्यमंत्री से मिलने की तैयारी कर रहे हैं। वह सीएम योगी आदित्यनाथ से मिलकर अपने जिंदा होने का सबूत देंगे। राजस्व अभिलेखों में आठ साल पहले मृतक हो चुके रामअवध पट्टीदारों पर पुश्तैनी जमीन हड़पने का आरोप लगा रहे हैं।मुख्यमंत्री जी मैं जिंदा हूं, कागज में मरा रामअवध बोल रहा हूं’ लिखी तख्ती रामअवध अपने गले में लटका कर धूम रहे हैं। उन्होंने कहा कि सुना है कि सीएम योगी आदित्यनाथ देवरिया में मेडिकल कॉलेज का उद्घाटन करने आ रहे हैं। वह तो संत हैं, उनसे न्याय की पूरी उम्मीद है। उनसे मिलकर अपना दुखड़ा रोना है।रामअवध के जिंदा और मुर्दा होने का मामला एक सप्ताह से अखबार की सुर्खी बन रहा है। अमर उजाला में यह खबर प्रमुखता से प्रकाशित होने के बाद डीएम ने जांच बैठाई है। लेकिन डीएम के जांच के निर्देश के एक सप्ताह बीतने के बाद भी कोई नतीजा नहीं निकला है।
डाला गांव के रामअवध करीब 40 साल पहले अपनी पत्नी और बच्चों को लेकर यूपी के ललितपुर जिले में काम धंधे की तलाश में गए। वहां वह परिवार के साथ सैदपुर गांव में गृहस्थी बसा लिए। वह अपने माता पिता की अकेली संतान हैं। उन्हें एक बेटा है। आरोप है कि पट्टीदारों ने लेखपाल और कानूनगो को मिलाकर उन्हें राजस्व अभिलेख में मृतक घोषित करा दिया। उन्होंने उनकी हिस्से की सारी जमीन अपने नाम करा ली। जानकारी होने पर रामअवध तीन साल से तहसीलदार न्यायालय में केस लड़ रहे हैं। जिंदा होने का अभिलेखीय प्रमाण देने के बाद भी मुकदमे का निस्तारण नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि वह सीएम से मिलकर केस में हर कार्य दिवस पर सुनवाई कर त्वरित न्याय की गुहार लगाएंगे। उनकी उम्र करीब 80 वर्ष की हो गई है। वह अपनी जायज मृत्यु के पहले फैसला नहीं होने पर न्याय के अपमान की आशंका जता रहे हैं।
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