अमिट रेखा-सत्य प्रकाश यादव
तहसील गोरखपुर
विद्यार्थियों की उपस्थिति से संबंधित ब्योरा माध्यमिक विद्यालयों से मांगा गया है। एक महीने में कितने विद्यार्थी विद्यालय पहुंचे, इसकी रिपोर्ट देनी होगी। इस संबंध में यूपी बोर्ड के सचिव का आदेश जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में पहुंचा है।कोरोना संकट के दौर में बच्चों की उपस्थिति का आकलन जुटाया जा रहा है। मार्च से बंद चल रहे विद्यालयों को पिछले महीने ही विद्यार्थियों के लिए खोला गया। छात्र-छात्राओं को स्कूल में आने की अनिवार्यता नहीं रखी गई है। यदि वे चाहें तो अभिभावक से सहमति पत्र लेकर स्कूल आ सकते हैं। जो बच्चे आ भी रहे हैं, उनमें पचास फीसदी का अनुपात रखा जा रहा है। इसी अनुपात में कक्षा नौ से लेकर 12वीं तक कक्षाएं चलाई जा रही हैं। जानकारों के मुताबिक ग्रामीण इलाकों में पढ़ने वाले बच्चों की उपस्थिति का रिकॉर्ड शहरी क्षेत्र के विद्यालयों से अधिक है। यूपी बोर्ड सचिव ने जिलों से एक माह की रिपोर्ट मांगी है कि स्कूल में छात्रों की उपस्थिति कैसी है? असल में बोर्ड प्रशासन परीक्षा कराने की तैयारी कर रहा है। इसमें यह रिपोर्ट खासी अहम रहेगी। माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) आमतौर पर संबद्ध विद्यालयों का पाठ्यक्रम और परीक्षा ही कराता रहा है। डीआईओएस ज्ञानेंद्र सिंह भदौरिया ने कहा कि बच्चों की उपस्थिति की रिपोर्ट शासन स्तर से मांगी गई है। उसे तैयार कराकर जल्द ही प्रेषित कर देंगे।
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