अमिट रेखा सुनील पाण्डेय
ब्यूरो महराजगंज
किसानों को इस समय खाद पानी की फिक्र नही है। चिंता है तो छुट्टा जानवरों से फसल की सुरक्षा की। क्योकि खाद पानी की जरूरत तब पडेगी जब फसल खेतों में होगी। उससे पहले ही जंगली जानवर सब नष्ट कर दे रहे हैं।
फरेंदा क्षेत्र के किसानों की पहली जरूरत अब छुट्टा सांड़ों व जानवरों से फसल की सुरक्षा करना हो गया है । अब तक फसलों को नुकसान सिर्फ नीलगायों से ही था। बाद में फसलों पर जंगली सुअरों का हमला हुआ। जिसका अभी तक कोई निदान नहीं हुआ। यहां तक कि क्षेत्र के किसानों ने आलू सहित कंद की फसले बोना छोड दिया है। जिन किसानों ने बोया भी वे फसल को खेत से घर तक नहीं ले जा सके। अब किसानों को सबसे अधिक नुकसान छुट्टा बछड़ों से हो रहा है। जिन किसानों के खेतों में झुंड के झुंड ये पहुंचते हैं फसल को तहस-नहस कर देते हैं। जंगल के आस पास के गांव में तो किसान बछड़ों से त्रस्त हो गए हैं। अब वे करें भी तो क्या, मिनटों में आवारा पशु फसलो को चट कर जा रहे हैं। क्षेत्रीय वन अधिकारी विजय श्रीवास्तव ने कहा हैं कि उच्चाधिकारियो के निर्देश पर ही गोवंशो पर कोई कार्रवाई की जा सकती है।
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