November 21, 2024

देश के सर्वोच्च प्रबंधन संस्थान से राजगोपाल ने पाया रजत पदक

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हाल ही में इनके पिता भी बने है कुलपति

अमिट रेखा – नन्हे तिवारी
बघौचघाट – देवरिया

सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो हरेराम त्रिपाठी के ज्येष्ठ पुत्र राजगोपाल त्रिपाठी ने देश की प्रतिष्ठित विजनस मैनेजमेण्ट संस्था एक्स एल आर आई जमशेदपुर,झारखंड से सत्र 2019-2021 में रजत पदक प्राप्त किया है। विश्वविद्यालय परिवार एवं युवाओं के लिये प्रेरणा का कार्य किया।राज गोपाल त्रिपाठी ने एक्स एल आर आई जमशेदपुर में सत्र 2019-2021 की परीक्षा में रजत पदक से साथ द्वितीय स्थान प्राप्त किया | उनकी प्रारंभिक परीक्षा जम्मू के डोगरा हायर सेकंडरी स्कूल से हुई | कक्षा दो से सात तक की पढ़ाई यहीं से की और प्रत्येक कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया | कक्षा आठ में दिल्ली आ गए | नवीं कक्षा में केन्द्रीय विद्यालय, जे.एन.यू से 500 से अधिक छात्रों के मध्य प्रथम स्थान प्राप्त किया | दसवीं कक्षा में इसी विद्यालय से बोर्ड परीक्षा में विद्यालय में 92•2 % के द्वितीय स्थान प्राप्त किया | बारहवीं कक्षा में 85% प्रतिशत प्राप्त किया | इसके पश्चात दिल्ली कालेज आफ इंजीनियरिंग वर्तमान में दिल्ली तकनीकी विश्वविद्यालय में प्रवेश प्राप्त किया | यहां से बी ई केमिकल एंड पॉलीमर साइंस की डिग्री में लिखित परीक्षा में प्रथम स्थान और प्रैक्टिकल के संयोजन में द्वितीय स्थान प्राप्त किया | इसके पश्चात गेट परीक्षा में 350 के अन्दर रैंक प्राप्त कर आई आई टी दिल्ली में एम टेक प्रवेश लिया | यहां एम टेक में केमिकल इंजीनियरिंग विभाग में स्वर्ण पदक प्राप्त किया और आदित्य बिड़ला समूह के टेक्नोलॉजी में वैज्ञानिक के पद पर कार्यभार ग्रहण किया |यही पर तीन वर्षों के बाद वरिष्ठ वैज्ञानिक हुए । इसके एक वर्ष के पश्चात् दिल्ली में वर्ष 2019 में एक्स एल आर आई के अखिल भारतीय परीक्षा में 99•95 परसेंटाइल प्राप्त कर इस संस्था के सबसे प्रतिष्ठित बिजनेस मैनेजमेंट बी एम में नामांकन लिया और 2019-21 सत्र में 180 छात्रो मे रजतपदक प्राप्त किया है। इनका अमेरिका की कंसल्टेंसी कंपनी जेडएस एसोसिएट मे कंसल्टेण्ट में बहुत अच्छे वार्षिक पैकेज पर नौकरी प्राप्त हुई है।यह प्रथमचक्र में ही कैम्पस सेलेक्शन हुआ है । पत्रकार वार्ता में राजगोपाल त्रिपाठी ने बताया कि मेरी माँ और पिता जी हम सभी भाई बहनों को निष्ठा,ईमानदारी,कठोर परिश्रम का सूत्र और अध्ययन को तप के रूप मे स्वीकार करने का सदैव प्रेरणा देते रहे,जिसके ऊपर माँ,पिता और श्रेष्ठ गुरुओं का आशीर्वाद हो वह हर मुश्किल को सरलता और सहजता से पार कर जाता है।आगे जो कुछ मिला है उसे राष्ट्र भावना से कर रहा हूँ।इस सफलता के लिये विश्वविद्यालय परिवार और शुभचिंतको ने बधाई और शुभकामनाएँ प्रेषित किया है।कुलपति प्रो हरेराम त्रिपाठी ने इस सफलता पर कहा कि प्रारम्भ से ही उद्देश्य और अपने प्रति निष्ठा रखने से ही बड़े से बड़े कार्य सिद्ध हो जाते हैं।इस सफलता से राजगोपाल त्रिपाठी की माता जी बादामी त्रिपाठी,पत्नी अनुजा त्रिपाठी,जोखन प्रसाद मिश्र,दीपक मिश्रा ,संजय दुबे,राम प्रताप यादव, बेद तिवारी,राहुल पाठक,वीरेंद्र पाठक आदि सभी लोगों ने प्रसन्नता व्यक्त किया है।

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