अमिट रेखा
शक्ति ओम सिंह
खजनी गोरखपुर
भारत रत्न व देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी का आज 96वां जन्मदिन है। प्रधानमंत्री मोदी, राष्ट्रपति, मुख्यमंत्री व कई राजनेताओं ने उन्हें अपनी श्रद्धान्जलि अर्पित की. अटल समाधि जाकर प्रार्थना सभा में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।उनके व्यक्तित्व को शब्दों में नहीं बांधा जा सकता। एक ऐसा राजनेता जिसका सभी राजनीतिक दल सम्मान करते थे. यही नहीं अटल जी कुशल वक्ता थे।संसद में जब भी वह किसी विषय पर बोलते तो पक्ष क्या, विपक्ष क्या पूरा सदन शांत होकर उनकी बात सुनता
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कार्यकर्ता से लेकर भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष तक अटल जी ने राजनीति को एक नयी परिभाषा दी।उनकी विनम्रता की मिसाल देते हुये उनके विरोध कहते थे कि अटल जी तो अच्छे हैं लेकिन सही पार्टी में नहीं है
सबसे बड़ी विशेषता जो अटल जी को औरों से अलग करती थी वह था उनका कविता प्रेम. उन्होंने जीवन और देश प्रेम पर आधारित कालजयी रचनाओं को गढ़ा। इसके अलावा अटल बिहारी वाजपेयी ने जिस विषय पर सबसे ज्यादा लिखा वह ‘मौत’ था।उनके निधन के बाद सबसे ज्यादा चर्चा में एक कविता रही है ‘मौत से ठन गई’।
आज पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती है। साल 1924 में आज ही के दिन भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म हुआ था। वे न सिर्फ एक आजस्वी थे बल्कि एक कवि भी थे. अटल बिहारी वाजयेपी का जन्म 25 दिसबंर, 1924 को गुलाम भारत के ग्वालियर स्टेट में हुआ, जो आज के मध्यप्रदेश का हिस्सा है। दिलचस्प बात ये है कि अटल बिहारी वाजयेपी का जन्म ठीक उसी दिन हुआ, जब राष्ट्रपिता महात्मा गांधी कांग्रेस पार्टी के पहली और आखिरी बार अध्यक्ष बने। 16 अगस्त 2018 को अटल बिहारी वाजपेयी ने दुनिया को अलविदा कह दिया।
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