कारगिल के 18हजार ऊंचाइयों पर भारतीय सेना की स्ट्रैटेजी का दुनिया मानती है लोहा
अमिट रेखा भाटपार रानी देवरिया। आचार्य नरेंद्र देव पीजी कॉलेज बभनान के सहायक आचार्य अमित त्रिपाठी ने कहा कि शांति के कबूतर उड़ाने से शांति की स्थापना नहीं होती है।शांति चाहते हैं तो युद्ध से आंखें मिलाए और उसे मात दे। उक्त बातें डॉ त्रिपाठी शुक्रवार को कस्बे के मदन मोहन मालवीय पीजी कॉलेज स्थित स्मार्ट सभागार में आयोजित एक दिवासी संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे, उन्होंने कहा कि कारगिल युद्ध का अध्ययन पूरी दुनिया कर रही है। यह युद्ध 14 से 18 हज़ार ऊंची पहाड़ियों पर लड़ा गया। दुश्मन पहाड़ की ऊंचाइयों के बंकरों से हमला कर रहा था। भारत के जवान नीचे से जवाबी कार्रवाई करते हुए शिखर पर पहुंच रहे थे। ये जवान संकल्प लिए थे कि मैं वापस तो आऊंगा तिरंगा के साथ या फिर तिरंगे में लिपट कर।
अतिथि विशिष्ट अतिथि संस्थान के उपाध्यक्ष डॉ पवन कुमार राय ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा था कि हम दोस्त बदल सकते हैं पर पड़ोसी नहीं बदल सकते ।भारत को दो-दो ऐसे पड़ोसी मिले हैं जिनकी नियत में खोट है तथा वे हमारे देश को तोड़ने की साजिश करते रहते हैं। ऐसे में भारत के प्रत्येक नागरिक को जागरूक रहकर विभाजनकारी मानसिकता को पहचान करने की जरूरत है। हमारे पूर्व सेना अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने कहा था कि हमारी सेना को ढाई मोर्चे पर लड़ना पड़ता है ।चीन और पाकिस्तान के साथ-साथ में अपनी आंतरिक दुश्मनों से भी लड़ना है। देश में ऐसी गद्दारों की पहचान कर उन्हें अलग थलग करने की जरूरत है तथा स्वतंत्रता की रक्षा के लिए सतत जागरूक रह कर अपने कर्तव्य का पालन करना है। उन्होंने कहा कि आज हमारे देश में एक ऐसा इको सिस्टम विकसित हो गया है जो अपराधी को पीड़ित और पीड़ित को अपराधी बताने का नैरेटिव सेट कर केवल दुष्प्रचार कर रहा है ऐसे नैरेटिव से हमें सावधान रहने की आवश्यकता है तथा लोगों को सच्चाई से रूबरू कराकर झूठ का पर्दाफाश कराना होगा|कारगिल के शहीदों की प्रति यहीं सच्ची श्रद्धांजलि होगी। गोष्ठी का शुभारंभ संस्थान की छात्रा आंचल तिवारी के सरस्वती वंदना एवं स्वागत से हुआ। अतिथियों ने अमर जवान शहीदों के चित्र पर दीप प्रज्वलित कर पुष्प अर्पित किया। गोष्टी का संचालन आयोजक डॉ अंशुमान सिंह ने किया।अध्यक्षता प्रो.के. एन. मिश्र ने की। कार्यक्रम की सफलता को लेकर संस्थान के प्रबंधक व वरिष्ठ भाजपा नेता राघवेंद्र वीर विक्रम सिंह एवं प्राचार्य प्रोफेसर सतीश चंद्र गौड़ ने आयोजक मंडल टीम को धन्यवाद ज्ञापित किए ।डॉ विदुषी सिंह ने आगंतुक अतिथियों के प्रति आभार प्रकट की। गोष्ठी में पुर्व प्राचार्य डॉ राकेश कुमार ,डॉ. रणजीत सिंह, डॉ सुशील पांडेय ,डॉ श्रीनिवास मिश्र, डॉ अवनीत सिंह,डॉ.मनोज कुमार, डॉ. धर्म जीत मिश्र, डॉ.ज्ञानप्रकाश, डॉ महेन्द्र मिश्र, डॉ. ए. के.ओझा, डॉ. संतोष पासवान – रिया तिवारी, मनीषा, स्विटी पांडेय, प्रगति वर्मा, आनंद कुमार शिवप्रसाद ,प्रवीण शाही शिव प्रताप सिंह आदि ने प्रतिभाग किया।
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