(चौकी प्रभारी रामपुर भगन भी प्रशासनिक व्यवस्थाओं को चुस्त-दुरुस्त रखने के साथ ही आपसी सुलह समझौते पर विवाद खत्म करने की देते हैं सलाह)
मनोज तिवारी ब्यूरो रिपोर्ट अयोध्या
वो लौ बार-बार जलती थी,और हर बार हवा का झोंका उसे बुझा देता।बावजूद उस लौ ने जलना नहीं छोड़ा, और आज ये एक बड़े बदलाव की लौ बन चुकी है।आलम यह है, कि उस शख्स की चर्चा हर एक व्यक्ति की जुबां पर है। जो नित प्रतिदिन कामयाबी की नई-नई इबारत लिख रहे हैं। और ये सब मुमकिन हुआ है, एक अफसर की नई सोंच, बुलंद हौसलों और मजबूत इरादों के दम पर। एक ऐसे पुलिस अधिकारी, जिन्होंने सामाजिक बदलाव को ही अपनी जिंदगी का मकसद बना लिया।वैसे तो जब किसी पुलिस अधिकारी का जिक्र होता है, तो दिमाग में एक सख्त और रौबदार अफसर की छवि उभर आती है, नीली बत्ती वाली गाड़ी, सरकारी तामझाम और जी हुजूरी करते मुलाजिम। लेकिन कुछ अधिकारी ऐसे भी हैं, जिनका अपना अलग अंदाज जनता का दिल जीत लेता है, वो अपनी जिम्मेदारियों से ज्यादा इंसानियत को तवज्जो देते हैं। उनके लिए किसी पद के कोई मायने नहीं होते। वो काम के प्रति भी बखूबी अपना दायित्व निभाते हैं, और सामाजिक कार्यों में भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं। सिस्टम में मौजूद विसंगतियों से विचलित होने के बजाए हालात और समाज को बदलने के लिए वो जी-जान से जुट जाते हैं। ऐसे ही एक दमदार शख्सियत हैं थाना अध्यक्ष तरुण दुर्गेश कुमार शुक्ल तथा चौकी प्रभारी रामपुर भगन रजनीश पांडे और वर्तमान थाने के कोतवाल संजय कुमार दूबे।जिन्होंने अपने अथक प्रयासों व जन सहयोग से दोनों पुलिस अधिकारी जनता को न्याय दिलाने का काम कर रहे हैं
जनपद के कई थानों का कायाकल्प कराया, जिनमें मुख्य रुप से थाना धानेपुर व वजीरगंज थाना शामिल है।आपको बता दें, कि 19 मार्च 20 को श्री दूबे के निरंतर मेहनत व कर्तव्यनिष्ठता के परिणाम स्वरुप आईएसओ द्वारा प्रमाणित मंडल का अग्रणी थाना वजीरगंज बना। वर्तमान में थाना तारुन तथा रामपुर भगन चौकी कोतवाली के लिए सपनों के पंख दिए।साथ ही अपनीसंवेदनशीलता और कार्यशैली से ब्यूरोक्रेसी को लेकर आम आदमी के अलावा की सोच बदली और प्रशासन के प्रति जनता में विश्वास भी पैदा किया। उक्त दोनों पुलिस अधिकारियों की प्रशंसा क्षेत्र की जनता द्वारा किया जाता है थाना अध्यक्ष दुर्गा प्रसाद शुक्ला ने बताया की पीड़ितों को हर संभव न्याय देने की मदद की जा रही है रामपुर भगन चौकी प्रभारी रजनीश पांडे ने कहा कि आपसी बातचीत से मामले के दिहाल हो जाए तो ज्यादा अच्छा होता है किंतु यह मामला बढ़ रहा हो तो संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर दोनों पार्टियों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जानी मजबूरी होती है अन्यथा समय पर ध्यान ना देने पर संबंधित मामले में किसी भी प्रकार की अनहोनी होने की आशंका से नकारा नहीं जा सकता इसलिए प्रशासन को हर कदम पर सोच समझकर कार्य करना चाहिए।
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