December 27, 2024

प्रदेश सरकार महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान के साथ उन्हें रोजगार जोड़ कर , बना रही है आत्मनिर्भर

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अमिट रेखा
निखिल कुमार / स्वतंत्र
कसया कुशीनगर

भारतीय संस्कृति में महिलाओं का महत्वपूर्ण स्थान रहा है। वे समाज के हर कार्य में हाथ बॅटाती रही हैं। प्राचीनकाल में महिलायें विदुषी, ज्ञानी और सामाजिक व्यवस्था की पोषक रही हैं। महिलाये केवल गृहिणी ही नहीं बल्कि वे राजसत्ता चलाने में भी निपुण रही हैं। आज हमारे देश में महिलायें उद्योग, व्यापार, शिक्षा, प्रशासन, विज्ञान, तकनीकी, फोर्स, खेल आदि विभिन्न क्षेत्रों में कुशलतापूर्वक कार्य करते हुए राष्ट्र की सेवा कर रही हैं। ग्रामीण स्तर पर विभिन्न कुटीर उद्योगों, गृह उद्योगों कृषि कार्यों आदि में उनका विशेष योगदान है। आज महिलायें हर क्षेत्र में कार्य करते हुए परिवार की आर्थिक बुनियाद मजबूत कर रहीं हैं, साथ ही राष्ट्र के विकास में सहभागी बन रही है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने प्रदेश की महिलाओं की सशक्तीकरण व सुरक्षा, सम्मान, स्वाभिमान और रोजगार से लगाने की जो संकल्पना की थी वह पूरी कर रहे हैं। प्रदेश सरकार महिलाओं के चतुर्दिक विकास के लिए अनेक योजनायें संचालित कर उन्हंे लाभान्वित कर रही है। प्रदेश सरकार की संचालित योजनाओं से करोड़ो बालिकायें, महिलायें लाभान्वित हुई और सरकार की योजनाओं की प्रशंसा कर रही है। महिलाओं के उत्थान के लिए प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न योजनायें संचालित हैं।मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना*-प्रदेश में समान लिंगानुपात स्थापित करने व कन्या भू्रण हत्या को रोकने, बालिकाओं के स्वास्थ्य व शिक्षा को सुदृढ़ करने, बालिका के परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान करने तथा बालिकाओं के प्रति आम जन में सकारात्मक सोच विकसित करने हेतु उ0प्र0 के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मार्च, 2019 में मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना की घोषणा की थी। यह योजना 01 अप्रैल, 2019 से लागू हो गयी। योजना के संचालन हेतु वेब पोर्टल ;उोलण्नचण्हवअण्पदद्ध का विकास किया गया है। योजना के अन्तर्गत देय धनराशि पी0एफ0एम0एस0 के माध्यम से सीधे लाभार्थी पात्र के बैंक खाते में हस्तान्तरित की जाती है। योजना के अन्तर्गत मुख्यतः ऐसे लाभार्थी पात्र होते हैं जिनका परिवार उत्तर प्रदेश का निवासी हो, जिनकी पारिवारिक वार्षिक आय अधिकतम रू0 3.00 लाख तथा जिनके परिवार मंे अधिकतम दो बच्चे हों।
योजना के अन्तर्गत बालिकाओं को कुल 4 श्रेणियों में सहायता दी जाती है। जन्म के समय रु0 2000, एक वर्ष के टीकाकरण पूर्ण करने पर रु0 1000, कक्षा-1 में प्रवेश के समय रु0 2000, कक्षा-6 में प्रवेश के समय रु0 2000, कक्षा-9 में प्रवेश के समय रु0 3000 तथा दसवीं/बारहवीं परीक्षा उत्तीर्ण कर डिग्री या दो वर्षीय या अधिक के डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश लेने पर रु0 5000 एकमुश्त प्रदान किये जाते हैं। योजना के अन्तर्गत वर्ष 2020-21 में कुल 3.67 लाख लाभार्थियों को लाभान्वित किया गया है। इस वर्ष भी हजारों कन्याओं के खातों में मुख्यमंत्री ने धनराशि भेजी है।
महिला हेल्प लाइन 181- महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा तथा सामाजिक, आर्थिक सशक्तीकरण हेतु उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 181-महिला हेल्पलाईन के रूप में पहल की गयी है। (2) 181 एक टोल फ्री नम्बर है, जो 24ग7 घण्टे कार्य करता है। महिला हेल्पलाईन पर कोई भी महिला एवं बालिका जो विषम परिस्थितियों से ग्रस्त हो अथवा उसको किसी भी अन्य प्रकार की समस्या या आवश्यकता की पूर्ति हेतु सलाह की आवश्यकता हो, टोल फ्री नम्बर पर कॉल कर सहायता प्राप्त कर सकती है। वर्ष 2020-21 में योजना के अन्तर्गत 19189 महिलाओं को सहायता प्रदान की गई है। वर्तमान वर्ष में भी महिलाओं की सहायता की जा रही है।
वन स्टाप सेंटर योजना- भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित वन स्टाप सेंटर का शुभारम्भ वित्तीय वर्ष 2016-17 में किया गया था। योजना का उद्देश्य हिंसा से पीड़ित महिलाओं को समस्त आवश्यक सेवायें जैसे पीड़ित महिला को अल्प प्रवास (पांच दिवस), चिकित्सकीय सहायता, परामर्शी सेवायें विधिक सहायता एवं पुलिस सहायता इत्यादि एक ही छत के नीचे उपलब्ध कराया जाता है। वर्तमान में प्रदेश के सभी जनपदों में वन स्टाप सेंटर का संचालन किया जा रहा है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में 10,226 महिलाओं/बालिकाओं को सहायता उपलब्ध करायी गई है। जो सतत् संचालित है।
पति की मृत्यु उपरान्त निराश्रित महिला पेंशन योजना- उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित की जा रही पति की मृत्यु उपरान्त निराश्रित महिला पेंशन योजना के अन्तर्गत पात्र लाभार्थियों को रु0 500 प्रतिमाह की दर से चार तिमाही में पेंशन का भुगतान पीएफएमएस के माध्यम से किया जाता है। इस योजना के अन्तर्गत 18 वर्ष से अधिक आयु की ऐसी महिलाएं जो उत्तर प्रदेश की स्थाई निवासी हो व उनकी पति की मृत्यु हो चुकी हो तथा उनकी पारिवारिक वार्षिक आय रु0 2.00 लाख से अधिक न हो। पात्र लाभार्थियों को देय धनराशि पीएफएमएस के माध्यम से उनके बैंक खाते में हस्तान्तरित की जाती है। इस योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2020-21 में 27.95 लाख लाभार्थियों की लाभान्वित किया गया है। उपरोक्त के अंतर्गत गत वर्ष में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना विशेष पैकेज के रूप में पात्र लाभार्थियों को नियमित अनुदान के साथ ही रु0 500 की 02 किश्तों में रु0 1000 की अतिरिक्त धनराशि भी प्रदान की गयी है।बेटी बचाओं, बेटी पढ़ाओ योजना- यह योजना भारत सरकार द्वारा शत्-प्रतिशत प्रायोजित योजना है। योजना का उद्देश्य गिरते हुए लिंगानुपात में सुधार करना, बालिकाओं की शिक्षा को प्रोत्साहन देना तथा बालिका के प्रति आम जन में सकारात्मक सोच विकसित करना है। यह योजना प्रदेश के समस्त जनपदों में संचालित है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में योजना के अंतर्गत आच्छादित जनपदों द्वारा कुल रु0 10.11 करोड़ व्यय किये गये हैं तथा कुल 1.96 लाख गतिविधियों के माध्यम से 73.60 लाख महिलाओं तथा बालिकाओं को जागरूक किया गया है।महिला शक्ति केन्द्र- महिला शक्ति केन्द्र योजना महिलाओं को अपने अधिकार प्राप्त करने, जागरूकता, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के माध्यम से उन्हें सशक्त बनाने हेतु सरकार से सम्पर्क करने के लिये इंटरफेस प्रदान करती है। इस योजना के अंर्तगत वर्तमान में प्रदेश में 64 जनपदों में महिला शक्ति केन्द्रों में स्टाफ का चयन करके संचालन किया जा रहा है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में कुल 37,406 गतिविधियों के माध्यम से 18.46 लाख महिलाओं तथा बालिकाओं को जागरूक किया गया है तथा 12.76 महिलाओं व बालिकाओं को महिला केंद्रित योजनाओं से जोड़ा गया है।
रानी लक्ष्मीबाई बाल एवं महिला सम्मान कोष-महिलाओं व बालिकाओं के विरूद्ध होने वाले जघन्य अपराधों से पीड़ित महिलाओं के प्रति प्रदेश सरकार अत्यंत संवेदनशील है। कोष के अंर्तगत जघन्य अपराध से पीडित महिलाओं व बालिकाओं को 1 लाख से 10 लाख रूपये की आर्थिक क्षतिपूर्ति प्रदान की जाती है। साथ ही निःशुल्क चिकित्सा सुविधा का भी प्रावधान किया गया है। योजना के अंर्तगत वर्ष 2020-21 में 721 अनुमोदित प्रकरणों के साथ कुल 4937 महिलाओं तथा बालिकाओं को आर्थिक सहायता दी गई है।
मिशन शक्ति अभियान-उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इस हेतु में मा0 मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में ‘‘महिलाआंें तथा बच्चों की सुरक्षा, सशक्तिकरण व सम्मान‘‘ के उदद्ेश्यों के साथ ‘‘मिशन शक्ति‘‘ के रूप में वृहद अभियान की शुरूआत शरदीय नवरात्र के अवसर पर 17 अक्टूबर 2020 से की गई है। जिसका संचालन उ0प्र0 महिला कल्याण, पुलिस, सहित 27 विभागों तथा समाज-सेवी संस्थायें तथा शैक्षणिक संस्थानों द्वारा किया जा रहा है।
महिलाओं तथा बच्चों से सम्बन्धित हिंसा की प्रमुख समस्याओं में घरेलू हिंसा, नशे में मारपीट, छेड़खानी, बलात्कार, यौन हमला, यौन शोषण, यौन दुर्व्यवहार, ऐसिड अटैक, साइबरक्राईम, कार्यस्थल सहित अन्य स्थानों पर मानसिक व शारीरिक उत्पीड़न तथा शोषण, तस्करी, बाल-विवाह, भेदभाव, बालश्रम, आदि शामिल हैं। ‘‘मिशन शक्ति‘‘ के माध्यम से महिलाओं तथा बच्चों से संबंधित इन सभी मुद्दों पर सरकार में शामिल प्रतिनिधियों, विभिन्न विभागों में कार्यरत् अधिकारियों व कार्मिकों सहित जनसामान्य को जागरूक करने हेतु भरसक प्रयास किया जा रहा है। साथ ही इसके माध्यम से प्रदेश में महिलाओं तथा बच्चों विशेषकर बालिकाओं व युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने पर ज़ोर दिया जा रहा है।युवाओं मुख्य रूप से बालिकाओं को आत्मनिर्भर व स्वावलंबी बनाने व उन्हें विभिन्न प्रशासनिक पदों तथा व्यवसायों में शामिल होने हेतु ‘‘प्रशासन की पाठशाला‘‘ का आयोजन भी किया गया और प्रदेश में ‘‘मानसिक स्वास्थ्य व मनोसामाजिक मुद्दों‘‘ के प्रति भी समाज में जागरूकता की गई। महिलाओं की सुरक्षा की दृष्टि से समस्त थानों में ‘‘महिला हैल्प डैस्क‘‘, ‘‘पिंक बूथ‘‘, ‘‘पिंक टायलेट‘‘ तथा ‘‘पिंक स्कूटी‘‘ की शुरूआत भी की गई है। इस अभियान के अन्तर्गत 8.50 करोड़ पुरूषों, महिलाओं, बालिकाओं, जनसामान्य को जागरूक किया गया है। प्रदेश में ’मिशन शक्ति’ तृतीय का भी शुभारम्भ प्रदेश के मुख्यमंत्री जी ने किया है जो दिसम्बर, 2021 तक चलेगा।प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजनान्तर्गत महिलाओं को धुँए से किया गया मुक्त- ग्रामीण जीवन में खाना बनाने के लिए ईधन के रूप में ज्यादातर लकड़ी, कोयले का प्रयोग होता है जिसके धुॅए से महिलाओं के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। देश के प्रधानमंत्री ने महिलाओं की इस पीड़ा को महसूस किया और पूरे देश में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना लागू कर निःशुल्क घरेलू कुकिंग गैस चूल्हा सहित देते हुए महिलाओं को धुॅए से छुटकारा दिलाया। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश में लागू इस योजनान्तर्गत प्रथम चरण में 1.47 करोड़ महिलाओं को निःशुल्क चूल्हा सहित गैस कनेक्शन उपलब्ध कराया है।इसका दूसरा चरण भी प्रधानमंत्री ने महोबा जिले से आरम्भ कर दिया है। प्रदेश के मुख्यमंत्री ने 25 अगस्त, 2021 को प्रदेश की लाखों महिलाओं को एल0पी0जी0 गैस कनेक्शन देते हुए उनकी सुरक्षा, सम्मान, स्वास्थ्य के साथ धुॅए से मुक्ति दिलाया है।मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना- भारतीय समाज में गरीब, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के परिवारों, विधवा, तलाकशुदा, परित्यक्त महिलाओं आदि की पुत्रियों की शिक्षा, विवाह हेतु आर्थिक समस्या आती है। मुख्यमंत्री जी ने प्रदेश के ऐसे परिवारों की पुत्रियों की शिक्षा और बालिग होने पर दो पुत्रियों तक के विवाह हेतु 51 हजार रूपये की आर्थिक सहायता देते हुए मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना लागू की है। जिसमंे दाम्पत्य जीवन में खुशहाली एवं गृहस्थी की स्थापना हेतु कन्या के खाते में 35 हजार रूपये, वर्तन कपड़े, बिछिया, पायल हेतु 10 हजार रूपये एवं प्रत्येक जोड़े के विवाह आयोजन हेतु 6 हजार रूपये व्यय की व्यवस्था सरकार द्वारा की जाती है। प्रदेश के अब तक लगभग 1.55 लाख गरीबों की कन्याओं का विवाह कराते हुए लाभान्वित किया है।
महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से रोजगार में लगाया- प्रदेश के मुख्यमंत्री का ध्येय है कि महिलायें आर्थिक रूप से मजबूत होगी तो पूरा परिवार आगे बढ़ेगा। इसीलिए महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उ0प्र0 राज्य राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत उद्यम, व्यवसाय, पशुपालन आदि के लिए महिला स्वयं सहायता समूहों का गठन कराया जाता है। गठित समूहों को प्रदेश सरकार रिवाल्विंग फण्ड एवं कम ब्याज पर ऋण उपलब्ध कराते हुए महिलाओं को रोजगार से लगा रही है। महिला समूहों के माध्यम से प्रदेश की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जा रहा है। महिलाऐं अपने घरों के कार्य के साथ-साथ समूहों के माध्यम से विभिन्न उद्यमों, व्यवसायों, दुग्ध उत्पादन, पशुपालन, आदि कार्य करते हुए परिवार की आर्थिक मजबूती प्रदान कर रही है। प्रदेश सरकार प्रदेश में 10 लाख से अधिक स्वयं सहायता समूहों का गठन कराते हुए एक करोड से अधिक महिलाओं को रोजगार से लगाया है। आज महिलायें स्वावलम्बी हो रही हैं और परिवार को आर्थिक सम्बल प्रदान कर रही हैं। प्रदेश सरकार महिलाओं द्वारा उत्पादित विभिन्न वस्तुओं का विपणन की भी व्यवस्था कर रही हैं। इससे महिलायें आत्मनिर्भर हुई हैं।
बी.सी. बैंकिंग कारेस्पोडेंट सखी- ग्रामीण क्षेत्र में घर के दरवाजे पर वित्तीय समावेशन के माध्यम से वित्तीय लेन-देन एवं विभिन्न योजनाओं से ग्राम वासियों को लाभान्वित करने एवं प्रोत्साहित करने की दिशा में ग्राम पंचायतों में विभिन्न बैंकों के माध्यम से पदस्थापित करते हुए मुख्यमंत्री ने प्रदेश में 58758 महिलाओं को बैंकिग कारेस्पोडेंट सखी बनाया है।प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना- इस योजना के तहत अब तक प्रदेश में लगभग 40 लाख गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को 1536 करोड़ रूपये से अधिक का भुगतान उनके खातांे मंे करते हुए उनके स्वास्थ्य एवं चिकित्सा पर विशेष ध्यान रखा गया है। प्रदेश में गर्भवती एवं धात्री महिलाओं के स्वास्थ्य को दृष्टिगत रखते हुए उन्हें प्रत्येक ऑगनबाड़ी केन्द्रों से पुष्टाहार का भी वितरण किया जाता है। प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में महिलाओं को केन्द्र में रखते हुए प्रधानमंत्री आवास योजना, वृद्धावस्था पेंशन योजना, ग्रामीण आवासीय अभिलेख (घरौनी) का स्वामित्व घर की महिला मुखिया के नाम से ही योजनाओं में लाभान्वित किया जा रहा है। प्रदेश सरकार ने गॉवों में बने सभी 58758 सामुदायिक शौचालयों में महिला सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति करते हुए उन्हें रोजगार से लगाया है प्रदेश सरकार प्रदेश की महिलाओं को हर स्तर पर सशक्त बना रही है। आज प्रदेश के चतुर्दिक विकास में महिलायें भागीदार बनी हुई हैं।