तहसीलदार तमकुहीराज ने प्रधान को दिया लेटर पैड फाड़ने की धमकी
अमिटरेखा—– कृष्णा यादव तहसील प्रभारी
तमकुही राज—- कुशीनगर
अभी मात्र एक माह पहले तमकुहीराज जैसे बडे तहसील के कमान संभालने वाले तहसीलदार तमकुहीराज दीपक कुमार गुप्ता अपने कार्यालय और अधीनस्थों द्वारा भारी पराक्रम के साथ बनाये गये भ्र्ष्टाचार के साम्राज्य पर अंकुश लगाने के बजाय अधिवक्ताओं से लेकर अन्य लोगो पर बेवजह रौब ग़ालिब कर रहे है। साहब के दोषपूर्ण कार्यशैली से आहत अधिवक्ता उनके कार्यालय के सामने बैठकर जिंदाबाद मुर्दाबाद के नारे लगा रहे है जिससे बेजा हनक की साहब की कवायद की हवा निकलती नजर आ रही है। ठसक के साथ हनक बनाने की कवायद की हवा निकलने के वजह से साहब का बौखलाना स्वाभाविक है और आज इसी बौखलाहट में साहब ने एक ग्राम प्रधान को निशाने पर ले लिया लेकिन मन से मजबूत प्रधान ने साहब को उन्ही के भाषा मे जबाब दिया। तमकुही विकास खण्ड के महुअवाँ देवरिया से तीसरी बार प्रधान राजेश तिवारी ने गांव में मनरेगा पार्क के निर्माण के लिए अपने लेटर पैड पर शासकीय कार्य हेतु खतौनी की नकल के लिए आवेदन किया था जिसे लेकर वह आज साहब के सामने उपस्थित हुए इतने छोटे मामले में साहब को न जाने क्या नागवार लगा कि वह लगे प्रधान जी को ही हड़काने। कि इसमे इतना राजस्व चोरी होगा वह कहा से आएगा। जब कि साहब के नाक के नीचे सरकार ने खतौनी की नकल (इन्तखाप) के लिए 15 रुपया शुल्क निर्धारित किया है जिसे साहब के सह पर 30 रुपया लिया जाता है साहब को यह नही दिखता की प्रतिदिन खतौनी के नाम पर हजारों हजार रुपये की अबैध वसूली की यह रकम कहा जाती है लेकिन उन्हें मनरेगा पार्क के लिए प्रधान जी ने शासकीय कार्य हेतु खतौनी की नकल मांग दिया तो बमुश्किल से 50 रुपये की खतौनी के मामले में उन्हें राजस्व की चोरी दिखने लगी। साहब ने तेवर में यह भी कह डाला कि अभी यह लेटर पैड पर लिखे प्रार्थना पत्र को फाड़ दुँगा तो प्रधान ने भी दो टूक जबाब दिया कि ठीक है फाड़कर दिखाइए। सवाल यह है कि जहां आपको काम करना है वहा के अधिवक्ता आपके कार्यशैली को लेकर आपके ही कार्यालय के सामने धरने पर बैठकर जिंदाबाद मुर्दाबाद के नारे लगा रहे है फिर भी आप सबक लेने के बजाय अन्य लोगो के साथ ऐसी हरकत पर उतारू हो जा रहे है जो कत्तई शोभनीय नही है। साहब ने कुछ अधिवक्ताओं के साथ शार्ट टेम्पर होकर बात किया तो उन्हें उन्ही की भाषा मे जबाब भी मिला और अब आंदोलन भी हो रहा है। साहब शायद भूल गये है कि कोई ग्रामप्रधान उनका अधीनस्थ या मातहत नही है जो उनके बेजा हनक को बर्दाश्त करने को बाध्य है। प्रधान आम लोगो से चुने जाने वाले जनप्रतिनिधियों की सबसे छोटी इकाई भले है लेकिन उसका भी वजूद है ” मैं कतरा ही सही मेरा वजूद तो है , फिर करता रहे समंदर तलाश मेरी” की तर्ज पर अगर किसी भी तरह प्रधानगण के वजूद पर चोट पहुचाने का प्रयास किया गया तो साहब आपके कार्यालय के एक तरफ अधिवक्ता लोग धरना दे रहे है तो दूसरी तरफ प्रधान संघ भी धरने पर बैठने में पीछे नही हटेगा। तहसीलदार द्वारा की गई अभद्रता पर प्रधान संघ तमकुही के अध्यक्ष रजनीश कुमार राय ने अपनी पीड़ा व्यक्ति की तथा कहा कि वास्तव में यह चेतावनी नही बल्कि अन्याय के प्रतिकार की हमारी अभिब्यक्ति है जिसे अंजाम तक पहुचाने का हुनर हमे भी अच्छे से आता है