अमिट रेखा -सुनील पाण्डेय
ब्यूरो महराजगंज
करोना महामारी की चपेट में आये जनजीवन की सुरक्षा के लिए सोशल डिस्टैंशिग को देखते हुए सरकार के निर्देश से बंद सवारी और एक्सप्रेस गाड़ियों का पुनः संचालन न होने से कोल्हुई लक्ष्मीपुर भगीरथपुर नौतनवा आदि सभी जगहों पर यात्रियों को काफी परेशानी हो रही है।निजी और प्राइवेट, सरकारी बसों यात्री कैब वाहनों के किराए से आम जनमानस आहत हैं। जहां नौतनवा से गोरखपुर तक की यात्रा महज बीस रुपए में सवारी गाड़ी से हो जाती थी। वहीं यही दूरी सरकारी बस से एक सौ बीस रुपए और प्राइवेट गाड़ी से दो सौ रुपए में तय हो रही है।ट्रेन चलने से भगीरथपुर समेत कई जगहों से छात्र आनंद नगर, गोरखपुर रोजाना पढ़ने और कोचिंग क्लास करने जाते और आते थे।नौकरी पेशा लोगों को भी काफी सहूलियत होती थी।कम दाम पर रेल पास बनवाकर रोजाना अप डाउन करते थे।इसी तरह विभिन्न बाजारों में रोजगार करने वाले अपने सामान,धान गेहूं चावल लकड़ी बेचनेवाले, मुकदमा लड़ने , कोर्ट कचहरी पर्यटकों को काफी दिक्कत हो रही है। डीजल पेट्रोल की बेतहाशा वृद्धि से महंगी हो रही निजी साधनों की सवारी गाड़ी का उपयोग आम पहुंच से दूर है। गाड़ियां बंद होने से रेल स्टेशनों पर खुली तमाम तरह की दुकानें लगभग बंद होने से परिवार के भरण पोषण का स्तर कम हो गया है।सवारी ढोने के लिए प्रतीक्षा रत जीप,रिक्शा,तांगा,इक्का चलाने वालों का रोजगार ठप हो गया है। जिससे परिजनों के सामने भुखमरी का संकट खड़ा हो गया है।अशक्त और गंभीर बीमारियों की दवा कराने दूरस्थ जाने वाले रोगी गाड़ी न चलने से काफी मुश्किल में है। जिससे उनके इलाज और यात्रा पर दोगुना घन खर्च हो रहा है।और शारीरिक परेशानी अलग से हो रही है।इन सब परेशानियों को देखते हुए लोगों ने नौतनवा गोरखपुर रेल मार्ग पर यात्री गाड़ी चलाने की मांग की है।
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