महराजगंज जनपद में स्वास्थ विभाग की लापरवाही महिला की डिलीवरी मोमबत्ती और मोबाइल टार्च की रोशनी से करवाई गई
अमिट रेखा सुनील पांडेय
ब्यूरो महराजगंज
-महराजगंज जनपद में स्वास्थ्य विभाग की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। जिसमें एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर प्रसव पीड़ा से कराहते हुए महिला की डिलेवरी मोमबत्ती और मोबाइल टॉर्च के रोशनी में कराई गई। मोमबत्ती और मोबाइल टॉर्च के सहारे एक घर के चिराग ने दुनिया में अपना पहला कदम रखा है । इस घटना ने जनपद के स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता की पोल खोलकर रख दी है।
प्रसूता का सरकारी अस्पताल में बिजली न होने से डर और घबराहट के बीच हुआ डिलेवरी
-पूरी घटना प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नौतनवा की है जहां सोनौली कोतवाली क्षेत्र के ग्राम सुकरौली उर्फ अरघा में अपने मायके में रह रही प्रियंका को 5 अप्रैल की शाम प्रसव पीड़ा शुरू हुई। जिसके बाद परिजन उसे लेकर फौरन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नौतनवा पहुंचे। स्टाफ नर्स द्वारा जांच के बाद बताया गया कि महिला की डिलेवरी फौरन करानी पड़ेगी लेकिन उस दौरान पूरे अस्पताल में बिजली नहीं थी और अंधेरा छाया हुआ था। स्टाफ नर्स के द्वारा परिजनों से मोमबत्ती मंगाई गई और मोबाइल टॉर्च एवं मोमबत्ती की रोशनी में महिला की डिलेवरी कराई गई। अस्पताल में बिजली नहीं होने से मरीज के परिजन एवं डिलेवरी के लिए आई महिला काफी सहमे हुए थे। सकुशल डिलेवरी और रात भर अस्पताल में गुजारने के बाद महिला अब अपने घर वापस आ गई है उसका कहना है कि अस्पताल में बिजली नहीं होने से उसे डर और घबराहट हो रही थी। स्वास्थ विभाग की दिखी लापरवाही,अधिकारी गलतियों पर डाल रहे हैं पर्दा
एक तरफ उत्तर प्रदेश सरकार जहां महिलाओं के स्वास्थ्य स्वावलंबन और उसकी सुरक्षा के लिए सभी सुविधाएं देने की बात करती है वहीं स्थानीय स्तर पर स्वास्थ्य विभाग की यह लापरवाही मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ भी साबित हो सकती है। इस पूरे मामले को लेकर स्वास्थ्य विभाग के सीएमओ डॉ एके श्रीवास्तव का कहना है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर बिजली नहीं होने की जैसे ही जानकारी मिली उसे ठीक करा लिया गया है। इससे यह साफ दिख रहा है कि इस पूरे मामले में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही है और अधिकारी अपनी गलतियों को ना मानकर उस पर पर्दा डालने का काम कर रहे हैं ।दो स्टाफ नर्सों ने सूझबूझ से निभाया फर्ज जच्चा बच्चा दोनों स्वस्थ समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर जब एक प्रसव पीड़िता पहुंची, तो बत्ती ही गुल थी कोई अतिरिक्त व्यवस्था न होने के कारण यहां की स्टाफ नर्स प्रेमलता और रंभा ने सूझबूझ से अपना फर्ज निभाते हुए मोमबत्ति और मोबाइल टॉर्च की रोशनी जलाकर किसी तरह प्रसव कराया । फिलहाल जच्चा और बच्चा दोनो स्वस्थ हैं ।
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