लाभान्वित होंने थे केन्द्रों के करीब 3.27 लाख लाभार्थी 4134 आंगनबाड़ी खा गए कर्मचारी व अधिकारी
अमिट रेखा/निखिल कुमार/ स्वतंत्र
कसया कुशीनगर
हाय रे भाजपा सरकार कर्मचारी ही खाते बच्चों व गर्भवती महिलाओं का पोषाहार। लाभार्थी आंगनबाड़ी केन्द्रों से मिलने वाले सामग्री को जनपद के सायद ही किसी गरीब महिला व बच्चो पास सामान पंहुचा हो ऊपर वाला ही जानता है आँगन बाड़ी के कर्मचारी एवं अधिकारी ही अपने स्वं खा गए या तो कही बेच कर पशुओ का चारा तो नहीं खिलाय गया यह तो जांच का बिषय बना हुवा है
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कोरोना लहर में छोटे बच्चों व गर्भवती महिलाओं को सुपोषित करने के लिए बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग का विशेष जोर है। इसके लिए आंगनबाड़ी केन्द्रों के लाभार्थियों के आंगन तक पोषण पोटली पहुँचाने के लिए सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को निर्देशित किया गया था व्यवस्था के मुताबिक 4134 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर पंजीकृत कुल करीब 3.27 लाख लाभार्थी लाभांवित होंने थे जिला कार्यक्रम अधिकारी के मुताबिक भले ही इन दिनों कोरोना के केस कम हुए हैं, मगर अभी भी सतर्कता और सावधानी बहुत जरूरी है। कोरोना की तीसरी लहर आने से पहले बच्चों को सुपोषित कर उनमें प्रतिरोधक क्षमता विकसित करनी सरकार का मनसा था इसके लिए लाभार्थियों के आंगन तक पोषण पोटली पहुँचायी जानि थी ताकि वह केन्द्रों से मिलने वाली सामग्री से विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनवाकर सेवन कर सकें जिले में पहले से सूचीबद्ध बच्चों व गर्भवती धात्री महिलाओं के अलावा प्रवासी बच्चे व महिलाएं भी आयी थी । ऐसे में छह साल तक बच्चों व गर्भवती धात्री महिलाओं को दाल, तेल, गेहूं, चावल सूखा राशन) वितरित किया जाना था ।सभी प्रवासी गर्भवती, धात्री महिलाओं, सात माह से तीन साल तथा तीन साल से छह साल के बच्चों तथा स्कूल छोड़ चुकी किशोरियों और बच्चों को भी सामान वितरित करने की व्यवस्था बनाई गयी थी । ताकि कोरोना काल में लाभार्थियों को कोई परेशानी न होने पाये बीते माह वजन सप्ताह के तहत जिले की सभी 4134 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा बच्चों को वजन लिया गया है। वजन के दौरान लाल श्रेणी के बच्चों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा था ताकि बच्चों को सुपोषित किया जा सके सामानों से व्यंजन बनाएं कोरोना से जंग जीतने के लिए शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बनी रहनी चाहिए। सूत्रों का कहना है की इसके लिए सभी लाभार्थी आंगनबाड़ी केन्द्रों से मिलने वाले सामग्री को जनपद के सायद ही किसी गरीब महिला व बच्चो पास सामान पंहुचा हो ऊपर वाला ही जानता है आँगन बाड़ी के कर्मचारी एवं अधिकारी ही अपने स्वं खा गए या तो कही बेच कर पशुओ का चारा तो नहीं खिलाय गया यह तो जांच का बिषय बना है
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