July 27, 2024

शिक्षा का उड़ा मजाक – सरकारी स्कूल में देखी गई कमी-

Spread the love


जितेन्द्र कुमार सिंह

देवरिया-प्रदेश सरकार द्वारा बेसिक शिक्षा विभाग में हर प्राइमरी विद्यालय में पेंटिंग कर स्कूल को अच्छी तरह सजाई और अच्छी तरह अंको चित्रो कला का वर्णन किया जा रहा है।लेकिन कुछ ऐसे भी विद्यालय है जहाँ पर गलत अंक और गलत तरीके से पढ़ाया जा रहा है।ऐसे ही मामला एक प्रकाश में आया है।हम बात कर रहे है देवरिया खास वार्ड नं11 की जहाँ राष्ट्रीय पशु बाघ की जगह शेर बताया गया।सरकार की तरफ से हर सुविधा देने के बावजूद इतनी गलतियां हो रही हैं।
स्कूली बच्चों को मिली पुस्तकों के माध्यम से महापुरुषों, लेखकों और कवियों की जीवनी तथा भारत के इतिहास को लेकर बच्चों को गुमराह किया जा रहा है। आश्चर्यजनक बात यह है कि पूर्व माध्यमिक विद्यालय के शिक्षकों को इसकी जानकारी तक नहीं है।
गांवों में रहने वाले गरीबों के बच्चे बेसिक शिक्षा विभाग की तरफ से संचालित पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ने जाते है।विद्यालयों में बच्चों को पढ़ने के लिए सरकार की तरफ से नि:शुल्क किताबें भी वितरित की गई हैं मगर इन मास्टरों में गलतियों की भरमार देखने को मिल रहा है।

40220cookie-checkशिक्षा का उड़ा मजाक – सरकारी स्कूल में देखी गई कमी-