July 26, 2024

प्रभु राम-लक्ष्मण ने खाए शबरी के झूठे बेर, हनुमान ने जलाई लंका

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प्रभु राम-लक्ष्मण ने खाए शबरी के झूठे बेर, हनुमान ने जलाई लंका

चौथे दिन की रात्रि को राम लीला मंचन पर कलाकारों ने प्रभु श्री राम के मार्मिक स्वरुप का दर्शन कराय

कथा वाचक पंडित श्याम सुंदर पाराशर महाराज भी मंचन की प्रस्तुति देखकर हो गए प्रसन्न

राम लीला मंच पर किन्नर समाज के द्वारा 21 साड़ी सहित 21 हजार रुपये का योगदान निर्धन कन्याओं के शादी के लिए दिया गया

अतिथियों को सम्मानित किए मंदिर अध्यक्ष सुरेंद्र लाल श्रीवास्तव
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राजू प्रसाद श्रीवास्तव।
अमिट रेखा ब्यूरो, देवरिया। नर्मदेश्वर महादेव मंदिर के पंडाल में चल रहे शिव शक्ति यज्ञ में दिन में 1 बजे से 4 बजे तक कथा का रसपान श्रोताओं के द्वारा किया जा रहा है वही रात्रि 8 बजे से 12 बजे तक राम लीला मंच पर दर्शाए जा रहे राम की अद्भुत छब्बी छटा का दर्शन सलेमपुर के कलाकारों के द्वारा श्री मानवेन्द्र द्विवेदी के दिशा निर्देश पर अद्भुत कला प्रस्तुत किये जा रहे है। चौथे दिन रात्रि को शबरी की भक्ति, राम-सुग्रीव मित्रता और लंका दहन की कथा का मंचन हुआ। लीला की शुरुआत सीता की खोज में प्रभु राम और लक्ष्मण के शबरी के आश्रम पहुंचने से हुई। शबरी के झूठे बेर खाकर श्रीराम ने भक्ति के नौ प्रकार बताए। इसके बाद प्रभु राम और लक्ष्मण सीता को खोजने के लिए निकले। मार्ग में हनुमान ब्राह्मण का वेश धरकर श्रीराम के पास आए।
श्रीराम की वास्तविकता जानकर हनुमान ने उन्हें सुग्रीव के पास ले गए। प्रभु राम और सुग्रीव ने अग्नि को साक्षी मानकर मित्रता निभाने का वचन लिया। श्रीराम के कहने पर सुग्रीव ने बाली को युद्ध के लिए ललकारा। सुग्रीव और बाली के बीच युद्ध हुआ और प्रभु राम ने बाली का वध किया। इसके बाद हनुमान को माता सीता की खोज के लिए लंका भेजा। हनुमान वायुमार्ग से लंका पहुंचे। जहां अशोक वाटिका में उन्होंने सीताजी को प्रभु राम का संदेश दिया। हनुमान ने अशोक वाटिका को उजाड़ा। मेघनाद ने हनुमानजी को बंदी बनाकर रावण दरबार में लाए। रावण ने हनुमान की पूछ में आग लगाई। हनुमान ने उछल-कूद कर लंका को जला दिया। इस दौरान प्रसिद्ध कथा वाचक श्याम सुंदर पाराशर महाराज ने कलाकारों की प्रस्तुति को देखकर आश्चर्य चकित हो गए एवम निदेशक श्री मानवेन्द्र द्विवेदी को बहुत बहुत धन्यवाद दिया।
किन्नर समाज ने दिए 21 साड़ी सहित 21 हजार रुपए का योगदान
माला मिश्रा किन्नर समाज के द्वारा 21 हजार रुपये व 21 साड़ियों का योगदान 18 फरवरी को होने वाले निर्धन कुँवारी कन्याओं की शादी लिए दान किया।
अतिथियों को सम्मानित किए मंदिर अध्यक्ष
नर्मदेश्वर महादेव मंदिर के अध्यक्ष श्री सुरेंद्र लाल श्रीवास्तव ने राम लीला में आए हुए अतिथियों का स्वागत माला पहनाकर एवम अंग वस्त्र सहित नर्मदेश्वर मंदिर की स्मृति चिन्ह देकर किया। उन्होंने सर्व प्रथम किन्नर समाज को सम्मानित किया। ततपश्चात यज्ञ समिति के सदस्य माहिवाल जायसवाल, नन्हे तिवारी,
राजीव प्रसाद , एम एम द्विवेदी, दिनेश मिश्र सहित सैकडों लोग सम्मानित हुए। इस दौरान रामशीष मौर्या, भीम यादव , देवेंद्र लाल श्रीवास्तव, अतुल श्रीवास्तव, राजू प्रसाद श्रीवास्तव, राजन श्रीवास्तव, एसके यादव , मुकेश यादव , विवेक दत्त राय, आचार्य राजू मिश्र, आचार्य अमरनाथ शुक्ल, कन्हिया यादव , व महामंडलेश्वर श्री यति जी महाराज उत्तराखंड उपस्थित रहे। मंच का संचालन श्री गणेश मिश्र वक्ता ने किया।
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