देवरिया ब्यूरो।
उत्तर प्रदेश के जनपद देवरिया के कुछ ब्लाक से एक बड़ी खबर उभर कर सामने आ रही है सूत्रों का कहना है कि ग्राम सभायो में हुए प्रधानी के चुनाव में जमकर दारू मुर्गा व रुपये का खेल जारी रहा है आप सभी को बतादु की बीते चुनाव में कुछ को जीत हासिल हुई तो कुछ की कमर टूट गयी। चल रहे महामारी कोरोना वायरस में एक तरफ वोटरों ने एक दूसरे से दो गज की दूरी भूले वही लगातार गांव गांव मुर्गा और दारू के नशे में लोग चूर रहे। यही नही चुनावी रंग तो ऐसा रहा कि प्रत्याशी 18 वर्ष के लड़कों के भी हाथ मे शराब पकड़ाने से नही चुके , अर्ध रात्रि तक गांव के लोगो को बहला – फुसलाकर एवं विधुत पोल पर बल्ब लटकाकर घर घर मिठाईयां , जिलेबी ,दारू रुपया तक पहुचाने का कार्य करते रहे। कुछ प्रत्याशी ऐसे भी थे जो साबुन व मास्क तक कोरोना का हवाला देकर बाटते रहे। इस बीच फर्जी शिक्षक प्रत्याशी की बात करे तो वे फ्री कोचिंग का हवाला देते हुए वोट बैंकिंग का कार्य किये ऐसे में प्रधान बीडीसी व जिला पंचायत सदस्य सिर्फ जनता को लुभाकर वोट लेने में सामर्थ रहे कुछ हारे तो कुछ को जीत मिली। समझने वाली बात यह है कि जो प्रत्यशी इतना सारा खर्च करके चुनाव को जीत में तब्दील किये उनसे क्या विकास की उमीद की जा सकती है लगातार कई सालों से हारे पूर्व व वर्तमान प्रत्याशियो के द्वारा यह खर्चे के चर्चे होते अब सुने जा रहे है जो जांच का विषय बनता भविष्य में दिख रहा है। चुनाव जितने के बाद कितने प्रधान गांव में विकास का कार्य करेंगे या कितने बीडीसी प्रत्यशियों के द्वारा फ्री में ब्लाक प्रमुख चुना जाएगा यह तो समय बताएगा।
पैसे पर चुनाव गांव के विकास के लिए खतरा- सूत्र
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