July 27, 2024

मुख्यमंत्री एवं डीजीपी को पत्र भेजकर जेल भेजे गए युवक के पिता ने कोल्हुई पुलिस पर लगाई फ़र्ज़ी कार्यवाही करने का आरोप, सीबीसीआईडी अथवा क्राइम ब्रांच द्वारा जाँच कराने की लगाई गुहार

Spread the love

अमिट रेखा सुनील पाण्डेय
ब्यूरो महराजगंज

महाराजगंज —- महाराजगंज जिले के कोल्हुई थाना पुलिस पर कोल्हुई मुख्य कस्बे के निवासी अलीहुसैन नामक युवक ने लगाई फर्जी कार्यवाही करने का आरोप। पूरी जानकारी के लिए बता दे बीते दिनों 24 सिंतबर को नूर आलम उर्फ राज पुत्र अलीहुसैन नामक एक निर्दोष को कोल्हुई पुलिस ने 19 तारीख की मध्यरात्री को घर पर छापेमारी कर बिना किसी तथ्य के 24 तारीख को गंभीर धाराओ में जेल भेज दिया जिससे युवक के पिता ने कार्यवाही से क्षुब्ध होकर मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश योगी आदित्यनाथ, डीजीपी उत्तर प्रदेश , एसपी महाराजगंज तथा डीएम महराजगंज को मेल तथा जनसुनवाई पोर्टल के माध्यम से शिकायत दर्ज कराई है। बताते चले शिकायतकर्ता द्वारा यह बताया गया कि कुछ दिनों पहले कोल्हुई कस्बे के लोटन रोड पर स्थित दयाशंकर चौबे के घर मे चोरी हुई थी जिसमे 120000 रुपया नगद तथा आभूषण दर्शाया गया था कूल मिलाकर 6 लाख करीब की चोरी बताई गई थी लेकिन हप्तों बीतने के बाद भी जब कोल्हुई पुलिस असली मुजरिम को पकड़ने में नाकामयाब रही तो 19 तारीख के रात्रि में सोते वक्त मेरे घर पर धावा बोल मेरे और मेरे परिवार से गाली गलौज करते हुए मेरे पुत्र नूर आलम उर्फ राज को गिरफ्तार कर ले गई, मेरे पूछने पर पुलिस ने बताया पूछताछ के लिए ले जा रहे है , पूछताछ करने के बाद छोड़ देंगे। मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में शिकायतकर्ता द्वारा यह भी पूछा गया है आखिर किस आधार पर कोल्हुई पुलिस मेरे बेटे के विरुद्ध 24 दिसंबर को फ़र्ज़ी कार्यवाही कर जेल भेज दी जब दयाशंकर चौबे के घर मे हुई चोरी का आभूषण बरामद मेरे बेटे के पास से नही हुई ,साथ ही यह भी कहा जब 19 तारीख की मध्यरात्रि को मेरे घर से मेरे पुत्र को उठा कर ले गई थी जिसका समाचार कई समाचार पत्रों में प्रकाशित भी हुई थी तो क्यों कोल्हुई पुलिस 22 तारीख को पावरहाउस के पीछे स्थित घर से गिरफ्तारी दिखाकर कार्यवाही की। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार चर्चित थानाध्यक्ष रामसहाय चौहान द्वारा दयाशंकर चौबे के घर मे हुई चोरी तथा विगत कई महीनों से क्षेत्र में हो रहे तमाम चोरिया के असली मास्टरमाइंड का नही पकड़ पाने की स्थिति में कस्बे के ही एक युवक को उठा कर जेल भेज दी गई और वाहवाही लूटी जा रही है जो कि क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है तथा कोल्हुई पुलिस के कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े हो गए है। सूत्रों के मुताबिक जिस दिन नूर आलम उर्फ राज की उसके घरवसे गिरफ्तारी हुई थी उस दिन थानाध्यक्ष रामसहाय चौहान छुट्टी पर गए हुए थे , तो किस आधार पर 24 तारीख के जारी प्रेस नोट में कोल्हुई पुलिस द्वारा थानाध्यक्ष की मौजूदगी में 22 तारीख को कोल्हुई स्थित पावरहाउस के पीछे से गिरफ्तारी दिखाया गया तथा दूसरे युवक ट्विंकल को भी कोल्हुई पुलिस मुख्य चौराहे से उठायी थी जो कि एक बड़ा सवाल है। जानकारी के लिए बता दे जब 19 तारीख की रात में युवक की गिरफ्तारी हुई थी तो 20 एवं 21 तारीख को तमाम समाचार पत्रो में युवक की गिरफ्तारी की खबर प्रकाशित हुई थी और तो और बीते मध्यरात्रि के कार्यवाही में नेतृत्व कर रहे उपनिरीक्षक कोल्हुई थाना राजीव तिवारी भी बयान देते हुए बताया था युवक को पूछताछ के लिए उठाया गया है। उक्त कार्यवाही में आश्चर्य की बात यह है कि आधी रात में उठाये गए युवक के पास कट्टा , जिंदा कारतूस तथा पुलिस द्वारा जो भी हथियार दिखाया गया था यह कहा से आया जबकि युवक को सोते समय उसके घर से उठाया गया था। बड़ा सवाल यह कि आखिर कोल्हुई पुलिस द्वारा लगातार की जा रही फ़र्ज़ी कार्यवाही पर उच्चाधिकारियो ने मौन धारण क्यों किया है। जानकारी के लिए यह भी बता दे बीते हप्ते भी लबदहा निवासिनी महिला ने थानाध्यक्ष कोल्हुई रामसहाय चौहान पर फ़र्ज़ी कार्यवाही का आरोप लगाया था जिससे दुखित होकर महिला ने आत्महत्या करने का प्रयास किया था।
इसी क्रम में एक बार फिर गलत कार्यवाही कर कोल्हुई पुलिस कटघरे में खड़ी होती दिखाई दे रही है। बताते चले उक्त कार्यवाही से क्षुब्ध होकर पीड़ित अलीहुसैन ने मुख्यमंत्री समेत कई उच्चाधिकारियो को बेटे के गिरफ्तारी के मामले और उक्त चोरी के मामले में सीबीसीआईडी जांच तथा क्राइम ब्रांच की जांच की गुहार लगाई है अब देखने की बात यह होगी कि शासन प्रशासन द्वारा मामले को संज्ञान में लेकर किस हद तक कार्यवाही की जाती है तथा गुनहगार बनाने में माहिर कोल्हुई पुलिस पर क्या लगाम लगाया जाता है जिससे कि पीड़ित परिवार को इंसाफ मिल सके ।

17010cookie-checkमुख्यमंत्री एवं डीजीपी को पत्र भेजकर जेल भेजे गए युवक के पिता ने कोल्हुई पुलिस पर लगाई फ़र्ज़ी कार्यवाही करने का आरोप, सीबीसीआईडी अथवा क्राइम ब्रांच द्वारा जाँच कराने की लगाई गुहार