मंत्री जी स्वतन्त्रता व नियम कानून सबके लिए बराबर होती है : विनम्र अपील
ग्राम सभा सखिनी से अतिक्रमण हटवाए या मेरा टँकी बनाने हेतु ग्राम सभा से बात करे: राम प्रसाद पुत्र स्वर्गीय हरिहर
बघौचघाट देवरिया।। जनपद देवरिया विकास खण्ड पथरदेवा के थाना बघौचघाट के अंतर्गत ग्राम सभा सखिनी मे सड़क पर अतिक्रमण का भंडार है। जहां सभी लोग अपनी स्वतंत्रता से अपना मालिकाना हक जमाकर मकान के आगे कुछ न कुछ कार्य अपने उपयोग के लिए किए है। वही इन दिनों ग्राम सभा सखिनी मे एक समाचार सुर्खियों में है कि ग्राम सभा सखिनी निवासी रामप्रसाद पुत्र स्वर्गीय हरिहर शेठ का मकान आज 40 वर्षो पुराना है एवं अपने आने वाले भविष्य को देखते हुए मकान के बगल में कुछ जमीन का हिसा ब्रजे के नीचे छोड़ा गया है।
परिवारिक समस्या को देखते हुए अब उस ब्रजे के नीचे के जमीन का उपयोग समयानुसार दिखाई दे रहा है। आप सभी को बतादु की बीते दिन मकान मालिक के द्वारा मकान मिस्त्री से नाप तौल कराई गई। इसी बीच मकान से 50 मीटर की दूरी और सड़क के उस पार रहने वाले ग्राम सभा सखिनी निवासी लालू पुत्र हरिपाल मिस्त्री के नाप तौल को देखकर ब्रजे के निचे की जमीन पर मालिकाना हक जमा बैठे इतना ही नही मारने पीटने और धमकी देने का कार्य भी किये , आप सभी को यह जानकर हैरानी होगी कि दबंगई भाषा बोलने वाले लालू पुत्र हरिपाल गांव के न तो प्रधान है और नाही वर्तमान में कोई सदस्य , अतिक्रमण पर रोक लगाने का कार्य सिर्फ ग्राम प्रधान को ही ग्रामीण जनता मानती है। परंतु दबंगई इस प्रकार पहले बार देखने को मिला है। जहां खुद दबंगई करने वाला स्वंय सार्वजनिक सड़क को दो हाथ कब्जा करके अपना टँकी और हैंड पंप बना लिया है। परन्तु लालू पुत्र हरिपाल को कोई ग्राम सभा का एक भी सदस्य नही रोक पाया है। और इसी प्रकार दबंगई पर उतारू होकर अब दूसरे मकान मालिक की जमीन कब्जा करने में पुलिस प्रशासन का सहयोग लेकर मकान मालिक रामप्रसाद पुत्र हरिहर के कार्यो पर प्रतिबंध लगा रहा है। और उसका साथ ग्राम सभा के कुछ चुनिंदे लोग सहमति के साथ दे कर रहे है। आप सभी को बतादूँ की लालू पुत्र स्वर्गीय हरिपाल , अपने घर के सरकारी नौकरी रुपया पैसा, और लड़कों की संख्या दिखाकर मार पीट का भय बनाकर जमीन को हड़पने की कोशिश कर रहे है। पीड़ित मकान मालिक रामप्रसाद पुत्र स्वर्गीय हरिहर का कथन है कि कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही का झंडा आज से नही करीबन 70 सालो से मेरे पिता स्वर्गीय हरिहर सेठ भी ढोये और आज मेरे परिवार के सदस्य भी ढोने का कार्य कर रहे है। परन्तुं आज इतने दिनों के बाद मुझे मंत्री जी से अपनी एक व्यथा कहना है कि मंत्री महोदय मुझे न्याय चाहिए , मेरे ब्रजे की जमीन मेरे उपयोग में चाहिए , मैं किसी भी प्रकार से अगर सड़क अतिक्रमण करते हुए पाया जाऊ तो कार्यवाही भी निस्वार्थ भाव से किया जाय। मुझे कोई आपत्ति नही होगी। उक्त संवाद समाचार पत्र के प्रतिनिधि से करते हुए समाचार पत्र के माध्यम से मंत्री जी तक पहुचने की अपील की गई है।
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