कुशीनगर में नेपाल की तर्ज पर परचून की दुकानों पर बेची जा रही अवैध शराब
अमिट रेखा /शमसाद अंसारी कसया /कुशीनगर
मोटी रकम की फीस भरकर लाइसेंसी दुकानों पर बिकने वाली शराब गांव के चौराहों पर बिक रही है। नेपाल की तर्ज पर चिन्हित परचून की दुकानों से बेखौफ देशी शराब की बिक्री हो रही है।एक शराब भट्ठी से दूसरे शराब भट्ठी के बीच पड़ने वाले करीब करीब हर चौराहे की चिन्हित परचून की दुकान पर देशी शराब बेची जाती है। इसको रोकने के लिए जिम्मेदार पुलिस व आबकारी महकमा या तो बेखबर है या फिर मामला कुछ और ही है। वहीं अधिक दाम पर शराब बेच कर अवैध दुकानदार मालामाल हो रहे हैं।
ठेके का कोटा खपाने के लिए अनुज्ञापी तरह तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। इन दिनों किसी तरह का चुनाव नहीं हो रहा है। इसलिए देशी शराब की मांग अपने आम दिनों के अनुरूप ही है। लाइसेंसी दुकानों को आवंटित कोटा को हर माह बिक्री करना ही है। कोटा खपाने के लिए पैकारी की जा रही है। पैकारी(ग्रामीण क्षेत्रों में छोटी छोटी परचून आदि की दुकानों पर देशी की आपूर्ति कराना) कर लाइसेंसी दुकानदार क्षेत्र के करीब करीब हर चौराहे पर जहां शराब का ठेका नहीं है देशी की आपूर्ति कर रहे हैं।रामकोला के बाद पकड़ियार रोड पर बरवा बाजार में ही ठेका है, लेकिन मोरवन नंदाछपरा दोनों ग्रामीण चौराहों पर धड़ल्ले से देशी शराब बेची जा रही है। सड़क के सटे इन दुकानों पर शाम ढलते ही मेले जैसा दृश्य देख जा सकता है। इसी रास्ते पुलिस कर्मियों का आना जाना लगा रहता है लेकिन यह भीड़ उन्हें नहीं दिखाई देती है। आबकारी महकमा भी इस मुद्दे पर मुह मोड़ लेता है। ऐसा नहीं कि इस कारोबार की अनदेखी की जाती है। बल्कि इसके पीछे का मामला सेटिंग का है। अब सेटिंग महीने नहीं सप्ताह के हिसाब से होने लगी है।कारण है कि कब किसका हल्का बदल जाय कोई ठिकाना नहीं है। बीट के सिपाही को हर उस दुकान की जानकारी है जहां यह शराब बेची जाती है। गंवई राजनीति के चलते कुछ जगह देशी बिकना बंद हो गया लेकिन रामकोला-पकड़ियार रोड पर करीब आधा दर्जन परचून की दुकानों पर देश शराब बेची जा रही है। यही हाल रामकोला सिंगहा रोड की है। जहां धुंआटिकर, बभनौली और सिंगहा में तो शराब के ठेके हैं लेकिन बंधवा, दामोदरी और रोआंरी रेगुलेटर पर भी देशी बेची जाती है। बताया जा रहा है कि इन सभी दुकानदारों को बीट सिपाहियों के बरदहस्त है।इसी तरह थाना क्षेत्र के हरपुर, रागरगंज, पुरैनी, बड़हरा लक्ष्मीपुर, साहबगंज आदि छोटी गंडक नदी के किनारे वाली जगहों पर बेखौफ अवैध कच्ची दारू का धंधा जोरो पर चल रहा है। ऐसा नहीं है कि अवैध रूप से बेखौफ बेची जा रही देशी शराब के चिन्हित स्थलों की जानकारी पुलिस व आबकारी के आला अधिकारियों को नहीं होगी। क्योंकि कई बार इन्हीं कारणों से हुई मारपीट की शिकायत भी थाने पहुंचती है, लेकिन उस मामले को वही बीट का सिपाही जिसके बरदहस्ती में शराब बेची जाती है, मामले को बाहर ही रफा दफा करवा देते
हैं।
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