कुशीनगर में गढ़ा मुक्ति अभियान बना उक्ति, निर्गत पैसा खा जाते निर्माता
पी डब्लू डी कि सड़के दर्जनो माह से जर्जर पैदल चलना भी है मुश्किल
अमिट रेखा/शमसाद अंसारी/कसया कुशीनगर।,
कुशीनगर जनपद के फाजिलनगर एवं तमकुही विकास खण्ड में आधा दर्जन से अधिक सडके जर्जर है जिस सड़क से वाहन चलने की बात तो दूर है पैदल भी चलना लोगो को मुशीबत का सबब है उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा भले ही सड़को को बनाने के लिए अनेको योजना चलाई जा रही है तथा सड़क निर्माण में लाखो करोड़ो रुपया खर्च कर कराया जाता है परन्तु गुणवता के अनुसार सड़क का निर्माण न कराकर ठेकदारो एवं अधिकारियों की मिलीभगत से सड़क निर्माण का कार्य घटिया कराने के कारण सड़क निर्माण के कुछ माह के बाद ही सड़क जर्जर होने लगा था।,
मिली जानकारी के मुताबिक फाजिलनगर विधान सभा क्षेत्र के फाजिलनगर से सुल्तानपुर,परसौनी,पाण्डेय पट्टी,बरदहा पाण्डेय से इन्दिरा बजार होते हुवे बिहार राज्य के कटेया बाज़ार को जोड़ने वाली सड़क करीब दस वर्षो से जर्जर स्थिति मे है जिस सड़क पर वाहन चलने के बात तो दूर है लोगो को पैदल भी चलना मुश्किल है इसी तरह लछिया देवरिया से बनबिरा बडहरा चौराहा से जौरा बाजार को जोड़ने वाली सड़क पिछले कई वर्षो से जर्जर स्थिति मे है जिसका निर्माण करोड़ो रुपया खर्च कर वर्ष 2018 मे कराया गया था परन्तु इस सड़क का निर्माण कार्य घटिया कराने के कारण एक वर्ष बाद ही जर्जर स्थिति मे हो गया था।
सूत्रों का कहना है कि यह उक्त सड़क समाज बादी पार्टी सरकार में बनवाया गया था सरकार में कारिन्दा रहे एम एल सी के बेटे द्वारा बनाया गया था.जो निर्माण के समय से जर्जर बना पड़ा है.इसके पूर्ब कि बात करे तो इस क्षेत्र के उस समय के बर्तमान सांसद ने इस सड़क के लिए बरदहा पाण्डेय के दक्षिण में पांच सौ मिटर एवं सुल्तानपुर पुल से पांच सौ मिटर दक्षिण में सांसद निधि द्वारा धन निर्गत किया गया था जिसका गिट्टी एवं तारकोल सांसद के कारिन्दा द्वारा डकार लिया गया और सड़क ही नही बना किसी प्रकार प्रधान मंत्री सड़क योजना में कर्मचारी रहे पाण्डेय ने अधिकारीयो के सहयोग से इस रोड का निर्माण कराये जो सपा सरकार के ओहदे ने औने पौने सामानों से इस सड़क को बिना संसाधन के गिट्टी गिरा कर ऊपर से तारकोल का लेप लगा, दिए बर्ष के भीतर ही सड़क जर्जर हालत में पहुच गई ,योगी सरकार में कई बार गढ़ा मुक्ति अभियान आया चला गया परन्तु रोड कि हालत ज्यो का त्यों है, सड़क के नाम पर पी डब्लू डी के अधिकारियो ने कई बार पैसा निर्गत किया परन्तु बिभाग के कर्मचारी एवं ठेकदारो ने बन्दर वाट कर दिये।
सूत्रों का यह भी कहना है कि भ्रष्टाचार का जाल ऐसा फैला हुआ है कि बिना रिश्वत खोरी का कोई कार्य नही होता है जो रिश्वत नही देता है उसके लिए सैकड़ो नियम लगा दिया जाता है जो रिश्वत देने मे सक्षम है उनके लिए कोई नियम नही है जमीन पर कार्य हो या नही हो बिल पास हो जाता है जिसके कारण सड़को का निर्माण कार्य घटिया कराया जाता है जो समय के पहले ही जर्जर हो जाता है सड़क निर्माण मे नियुक्त अधिकारी की पौकेट गर्म हो जाने तक मतलब रहता है सड़क का निर्माण गुणवता पूर्ण हो या नही हो उससे उन्हे कोई लेना देना नही रहता है जिसके कारण आज लोग जर्जर सड़को पर चलने के लिए विवश है।
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