October 18, 2024

कुशीनगर की स्वाथ्य ब्यवस्था चरमराई

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कुशीनगर की स्वाथ्य ब्यवस्था चरमराई

जिला चिकित्सा अधिकारी कुशीनगर की मदत से चलरहे सैकड़ो अबैध हॉस्पिटल

अमिट रेखा / ब्यूरो कुशीनगर


कुशीनगर जनपद इन दिनों अबैध अस्पतालों का केंद्र बना हुआ है एक डॉक्टर दर्जनों भर हॉस्पिटलों में अपना नाम प्लेट लगा कर हॉस्पिटलों का साहंसाह बना हुवा है ,सरकारी डॉक्टर तो मरीजों को इकट्ठा करने के लिए सिर्फ हॉस्पिटल जाते है । सरकारी अस्पताल में सम्बिदा पर कार्यरत प्राइवेट ऐसा कोई डॉक्टर या नर्स या आशा कर्मी नहीं जो किसी प्राइवेट हॉस्पिटलों के संपर्क नहीं है। केवल इस सरकार में आम जनता के साथ दिखावा हो रहा है। मरीजों के धन का शोषण किया जा रहा है। गरीब व असहाय मरीजों का जांच के नाम पर धन उगाही किया जा रहा है। सरकारी अस्पतालों में ऊचे ओहदा रखने वाले मरीजों का ईलाज ही संभव है। देखने में गरीब है तो उसे प्राइवेट हॉस्पिटल का दरवाज दिखा दिया जाता है। यदि कोई परिजन इसका विरोध करता है तो जिला अस्पताल में कार्यरत दलाल लड़ाई झगड़ा कर उन्हें धक्के मारकर अस्पताल से बाहर निकाल दिया जाता है ।
मिली जानकारी के मुताबिक कुशीनगर जनपद में इन दिनों हॉस्पिटल खोलने व गरीबो के शोषण का सिलसिला बड़े पैमाने पर जारी है।कुशीनगर की स्वास्थ्य ब्यवस्था चरमरा गई है , महिला प्रसूति के लिए जब सरकारी जिला अस्पताल पडरौना मरीज लेकर परिजन जाते है तो सरकारी कर्मचारी सीधे तौर पर उन्हें रिलायंस पेट्रोल से आगे एक प्राइवेट हॉस्पिटल में सरकारी एम्बुलेंस से भेजवा देते है। यह जिला चिकित्सा अधिकारी कुशीनगर की देख रेख में उनके नाक के निचे सब कीर्त्य चल रहा है। जनपद के सरकारी हॉस्पिटलों के अगल-बगल बिना रजिस्ट्रेशन के कई डायग्नोस्टिक सेंटर,अल्ट्रासॉउन्ड,पैथॉलॉजी अवैध रूप से उद्योग के रूप में धड़ल्ले संचालित हो रहे हैं जिसकी छानबीन करने वाला कोई नहीं है,अगर होता भी है तो सेटिंग करने के लिए व धनउगाही के लिए कार्य वाही के नाम पर दिखावा होता है , और बिना बोर्ड लगाए हुए धड़ल्ले से अपने कारोबार मे लिप्त है। सरकारी अस्पतालों में मरीजों को जांच के लिए उन्हीं डायग्नोस्टिक सेंटरो पर जांच के लिए भेजा जाता है जिससे अस्पताल के बड़े दलालों की जेब गर्म होती है गरीब मजलूम असहाय मरीज को कभी जांच के नाम पर और कभी फीस के नाम पर कभी फर्जी कमीशन वाली दवा के नाम पर बराबर लूटा जाता है ऐसे में आला अधिकारी इस मामले को संज्ञान में लेना ही नहीं चाहते हैं और तरह तरह का बहाना बना कर मूक मौत लेते है कई प्रमुख समाचार पत्रों में प्रकाशित होने के बाद भी इसे नजरअंदाज कर दिया जाता है जिससे आम जनमानस में सरकार के प्रति स्वाथ्य विभाग पर रोष व्याप्त है। जो रोजाना दिन हो या रात बार बार इसे देखा जा सकता है। सूत्रों का तो यह भी कहना है की यह खेल यही तक सिमित नहीं है जनपद के लगभग सभी क्षेत्रों में यह कृत्य किया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार प्राइवेट हॉस्पिटलों का निर्धारण किया गया है यह केवल स्वाथ्य विभाग के कर्मचारी ही गोपनीय कोड से भेजने व पैसे का अदान प्रदान करते है। फाजिलनगर से बघउच जाने वाली सड़क पर इंडियन आर्यन हॉस्पिटल के पास एक ऐसा हॉस्पिटल है जो नार्मल दिलेभरी के नाम से प्रचलित है। जिनके पास कोई कागजात भी नहीं है जहा पर सरकारी हॉस्पिटल फाजिलनगर के वार्ड ब्याय अपने देख रेख में आशा कर्मियों से व स्टाप नर्सो से मरीजों को भेज कर उनका शोषण किया जाता है

 

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