अमिट रेखा भटनी देवरिया। सांसदों व विधायकों का फोन रिसीव करने में बहानेबाजी नहीं चलेगी। अधिकारियों व कर्मचारियों को हर हाल में जनप्रतिनिधियों का मोबाइल नंबर अपने मोबाइल में सुरक्षित करना होगा। फोन नहीं उठाने पर काल बैक करना होगा। ऐसा नहीं करने पर कार्रवाई हो सकती है। शासन की तरफ से फरमान जिला प्रशासन को मिला है।
शासन की तरफ से जनप्रतिनिधियों के काल हरहाल में रिसीव करने के निर्देश दिए गए हैं, लेकिन कई बार जिले के अधिकारी बैठक में होने या अनुपलब्ध होने का हवाला देकर काल रिसीव नहीं करते और न ही काल की जानकारी के बाद प्राथमिकता पर काल बैक करते हैं। शासन के संज्ञान में मामला आने पर जब अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा जाता है तो उनका जवाब होता है कि जनप्रतिनिधि का मोबाइल नंबर सुरक्षित नहीं था। इसलिए काल बैक नहीं किया जा सका। शासन ने इसे गंभीरता से लिया है। संसदीय शिष्टाचार पत्राचार कार्यान्वयन अनुभाग के प्रमुख सचिव जेपी सिंह ने देवरिया समेत सभी डीएम को इस संबंध में कड़ा पत्र लिखा है। उन्होंने कहा है कि नियंत्रणाधीन कार्यरत समस्त अधिकारियों व कर्मचारियों को अपने स्तर से निर्देशित करने का कष्ट करें। वे अपनी तैनाती के जनपद के सभी सांसद व विधायक का फोन नंबर अपने कार्यालय व मोबाइल में सेव करेंगे। शासन की तरफ से पूर्व में निर्गत शासनादेशों के क्रम में जनप्रतिनिधियों के फोन आने पर तत्काल रिसीव करेंगे। साथ ही बैठक में होने व अनुपलब्ध होने पर काल की जानकारी होने के बाद प्राथमिकता पर संबंधित जनप्रतिनिधियों को काल बैक करेंगे। सांसद व विधायक की तरफ से जन सामान्य की समस्याओं के निराकरण के लिए दिए गए सुझावों का निस्तारण नियमानुसार प्राथमिकता के आधार पर सुनिश्चित करेंगे। ऐसा नहीं करने पर कार्रवाई की जाएगी।सभी अधिकारियों को इसके लिए निर्देश दिए गए हैं कि जनप्रतिनिधियों के फोन उठाएं। यदि शासकीय कार्यों की वजह से फोन नहीं उठा तो काल बैक कर लें। इसमें लापरवाही मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।
जनप्रतिनिधियों का फोन नहीं उठाने पर होगी कार्रवाई-डीएम
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