देवरिया ब्यूरो-
आगामी त्यौहारों एवं कोविड-19 वैश्विक महामारी के प्रकोप से आमजन के बचाव हेतु धारा-144 पूरे जनपद में तत्काल प्रभाव से 07 अप्रैल 2021 तक(दो माह के लिये) के लिये लागू कर दिया गया है, जिसका उल्लंघन दण्डनीय अपराध होगा।
अपर जिला मजिस्ट्रेट कुवर पंकज ने बताया है कि इसके उल्लंघन पर भारतीय दण्ड विधान की धारा-188 के अन्तर्गत कार्यवाही की जायेगी। उन्होने इस अवधि में प्रतिबंधित क्रियाकलापों को कदापि नही करने की हिदायत दी हैं। साथ ही उन्होने यह भी कहा है कि जनपद में कोई भी व्यक्ति ऐसा कोई कार्य नही करेगा जिससे कानून एवं शान्ति व्यवस्था बिगडने की संभावना हो। उन्होने सभी से इस आदेश का पालन किये जाने की अपेक्षा की है।
अपर जिलाधिकारी प्रशासन ने इस धारा के अन्तर्गत प्रतिबंधित क्रियाकलापो के विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि जनपद में कोई भी व्यक्ति 5 या 5 से अधिक समूूह में एकत्रित नही होगें, न ही कोई जुलूस निकालेगें और न ही कोई सभा करेगें। जनपद में कोविड-19 (कोरोना वायरस) का प्रकोप के दृष्टिगत इससे बचाव हेतु निरंतर मास्क का प्रयोग, सोशल डिस्टिेंन्सिग के नियमो का पालन किया जाना आवश्यक होगा। संक्रमण के फैलने के खतरे के दृष्टिगत रिकार्ड किये गये भक्ति गीत बजाये जा सकते है, किन्तु समूह में इक्कठे होकर गायन की अनुमति नही होगी।
कोई भी व्यक्ति किसी धार्मिक स्थल को न तो क्षति पहुॅचायेगा और न ही इसकेे के लिये किसी को प्रेरित करेगा। धर्म विशेष की भावनाओं को उद्वेलित करने अथवा सम्प्रदायिक विद्वेष फैलाने का कार्य नही करेगा। धार्मिक उन्माद पैदा करने वालो कैसेट न तो बजायेगा और न ही उसे प्रसारित करना, धार्मिक उन्माद से जुडे पोस्टर चिपकाना इससे जुडी बाते दीवारो पर लिखना व लिखे जाने हेतु किसी को प्रेरित करना पूर्णतः प्रतिबंधित किया गया है। अस्त्र-शस्त्र लेकर चलना और विस्फोटक पदार्थ अपने पास रखे जाने की अनुमति नही होगी। यह प्रतिबंध सिख समूदाय के व्यक्तियों को कृपाण धारने करने, वृद्ध बीमार अथवा अन्धे व्यक्तियो के लाठी का प्रयोग करने पर लागू नही होगा। अफवाह फैलाना व इसके लिये अन्य को प्रेरित करना, धार्मिक उन्माद पैदा करने संबंधित किसी भी प्रकार का एस0एम0एस0, एम0एम0 एस0 को भी प्रतिबंधित किया गया है। किसी प्रकार के पंचायत/महापंचायत बुलाना व भाग लेना भी इस धारा के अन्तर्गत प्रतिबंधित किये है। कोई भी व्यक्ति किसी धार्मिक स्ािल/पूजा स्थल के आस-पास किसी भी प्रकार के प्रतिबंधित जानवर के साथ संचरण नही करेगा और न ऐसा करने के लिये प्रेरित करेगा। कोई भी व्यक्ति ऐसा कोई कार्य नही करेगा जिससे कानून एवं शान्ति व्यवस्था बिगडने की सम्भावना हो।
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