July 27, 2024

होम्योपैथ की दवा से शराब बनाने का खुलासा, कुशीनगर के दो तस्कर गिरफ्तार

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रामकुमार सिंह/अमिट रेखा

रविन्द्रनगर धूस/कुशीनगर। जनपद कुशीनगर के सीमावर्ती क्षेत्र से पड़ोसी राज्य बिहार मे होम्योपैथ की दवा के नाम पर शराब बनाने के लिए अल्कोहल की तस्करी होने का खुलासा पुलिस ने किया है। बिहार के कटेया थाने की पुलिस ने इस मामले में कुशीनगर के दो तस्करों को गिरफ्तार किया है, जिनके पास से 450 एमएल की 123 अल्कोहल से भरी बोतल बरामद की गई है। पुलिस ने दोनों तस्करों से पूछताछ करने के बाद मामले में उच्चस्तरीय जांच के लिए प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना दे दी है। बिहार राज्य के गोपालगंज पुलिस अधीक्षक आनंद कुमार के निर्देश पर जांच के लिए पटना मुख्यालय से औषधि विभाग की टीम बुलाई गई। पटना मुख्यालय से पहुंचे औषधि निरीक्षक (आयुर्वेद) इंदुकांत कुमार की टीम ने एक-एक बिंदुओं पर बारीकी से पड़ताल की है। बताया जाता है कि कटेया थाने में जब्त की गई औषधियों की जांच के बाद पाया गया कि होम्योपैथ की इस औषधि में 90 फीसद अल्कोहल की मात्रा है।
औषधि के नाम पर तस्करी किए जाने वाले जिस अल्कोहल को कटेया पुलिस ने बरामद किया है, उसे शराब बनाने में इस्तेमाल किया जाता है। औषधि की जांच मे नब्बे फीसदी अल्कोहल का मात्रा मिला है इससे यह साफ हो गया है कि देसी समेत अन्य प्रकार की शराब उससे बनाई जाती है। बिहार के गोपालगंज समेत अलग-अलग जिलों में औषधि की बोतल के जरिए अल्कोहल की सप्लाई की जा रही है। कटेया थाने में जांच करने पहुंचे औषधि निरीक्षक (आयुर्वेद) इंदुकांत कुमार का कहना है कि होम्योपैथ की इतनी मात्रा में अल्कोहल से भरी औषधि आयात भी गैरकानूनी है। बिहार में शराबबंदी के बाद से सरकार ने नियमों में बदलाव करते हुए  सौ एमएल की बोतल ही इलाज के लिए मंगाने की गाइडलाइन निर्धारित की है। उन्होंने कहा कि कटेया में पकड़ी गई औषधि में 90 फीसदी अल्कोहल था, जिसे गलत कार्य में इस्तेमाल करने के लिए बिहार में तस्करी कर लाया जा रहा था। कटेया पुलिस द्वारा गिरफ्तार तस्करों की शिनाख़्त कुशीनगर के सेवरही थाने के मंझरिया गांव निवासी मोतीलाल यादव पुत्र कमलेश यादव और तरयासुजान थाने के हरिहरपुर गांव निवासी राजू अली के रूप में की गई है। दोनों तस्करों से पूछताछ की गई और उनसे औषधि विक्रय अनुज्ञप्ति और खरीद-बिक्री के कागजात मांगे गए, लेकिन उक्त तस्करों द्वारा कोई कागजात प्रस्तुत नहीं किया गया. जिसके कारण प्रतिबंधित औषधि कहां से खरीदा गया है इसका खुलासा नहीं हो सका।