खादी व ग्रामोद्योगी स्टाल पर उमड़ी भारी भीड़
कचहरी क्लब टाउनहाल मैदान गोरखपुर मे दिनाँक 16.11.2021 से 30.11.2021 तक 15 दिन चलने वाली खादी-ग्रामोद्योग प्रदर्शनी के तीसरे दिन लोगों की भारी भीड़ उमड़ी, विशेष कर लोगों द्वारा लोकल फार वोकल की भावना से प्रेरित होकर लोगों द्वारा स्वदेशी उत्पादों की खरीदारी की गयी, जिससे स्टाल धारक उत्साहित हुए। सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग के माध्यम से नाट्य दल गोरखपुर द्वारा मो0 गुलाम हसन निर्देशित “जब जागों तभी सवेरा” नाटक का मंचन किया गया। नव्य इण्डिया के संयोजन में खादी ग्रामोद्योग बोर्ड गोरखपुर द्वारा आज़ादी के अमृत महोत्सव पर आयोजित प्रदर्शनी में गुरुवार को सांस्कृतिक संध्या सबरंग में श्रोताओं ने सूफी गीतों का आनंद लिया। शहर के मझे हुए कलाकार रविराज साबरी ने अपनी गायकी से सबका दिल जीता। रविराज ने अपने कार्यक्रम की शुरुआत “नैन अपने पिया से मिलाई रे” से की तो शुरुआत में ही माहौल बन गया। इसके बाद कार्यक्रम शबाब पर और चढ़ा जब उन्होंने “दे देंगे जान तेरे लिए प्यारे वतन” सुनाया। रविराज की प्रस्तुति “दमादम मस्त कलंदर, छाप तिलक सब छीनी” ने श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। मौके की नज़ाकत को देखते हुए उन्होंने “कहूं कैसे सखि मोहें लाज लगी” और उसके तुरंत बाद “जो मुझे बोलता है मैं नहीं हूं” सुनाकर सांस्कृतिक संध्या को यादगार बना दिया। विभिन्न वाद्यंत्रों यंत्रों पर संगत करने वालो में जलज उपाध्याय, नमन उपाध्याय, सुमन्थ और अंशु रहे। कार्यक्रम का संचालन नवीन पांडेय ने किया। कार्यक्रम के दौरान सम्मान समारोह में गायक रविराज साबरी का सम्मान खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड गोरखपुर के उप मुख्य कार्यपालक अधिकारी एन0 पी0 मौर्य एवं नव्य इंडिया सीईओ अनुज पाण्डेय ने किया। सबरंग का संयोजन नव्य इंडिया द्वारा किया गया। प्रदर्शनी में खादी बोर्ड के तरफ से श्री राम निवास गुप्ता, श्री गंगाधर दूबे, श्री विजय कुमार, श्री राम किशोर, श्री शिवेन्द्र सिंह, श्री आरिफ, श्री दिवाकर उपस्थित रहे।
प्रदर्शनी में उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, महाराष्ट्र, व काश्मीर, गुजरात के खादी वस्त्र, सिल्क, टसर. ऊनी वस्त्र, ऊनी सदरी, जैकेट, ऊनी शाल, बिहार (भागलपुर) की सिल्क चादरे, राजस्थान (बीकानेर) का पापड़ बड़ी भुजियाँ, नमकीन, प्रतापगढ़ का ओ0डी0ओ0पी0 आँवला उत्पाद, कन्नौज के ओ0डी0ओ0पी0 सुगन्धित धूपबत्ती व अगरबत्ती एवं आयुर्वेदिक औषधियाँ (जड़ी-बूटी), भदोही की दरी कालीन लखनऊ की बुटिक, शुद्ध शहद, चर्म वस्तुएं, एवं अन्य ग्रामोद्योगी उत्पाद उपलब्ध है। प्रदर्शनी में तीन दिनों में रू0 2.62 लाख की बिक्री हो चुकी है।
गोरखपुर से संजय कुमार की रिपोर्ट
गोरखपुर मेखादी व ग्रामोद्योगी स्टाल पर उमड़ी भारी भीड़
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