June 25, 2025

AMIT REKHA

अमिट रेखा :- सदा सच के साथ:-गोरक्षनगरी से प्रकाशित

भय से मुक्ति एवं मोक्ष का माध्यम है राम कथा-पंडित त्रियुगीनारायण मणि

अमिट रेखा-अल्केन्द्र पाण्डेय
तहसील प्रभारी
तमकुही राज/कुशीनगर, जनपद के तमकुही विकास खण्ड के ग्राम पंचायत कोईन्दी बुजुर्ग के पंचायत भवन के परिसर में नौ दिवसीय भव्य श्रीराम कथा अमृत वर्षा के दूसरे दिन ब्यास पीठ एवं मानस पूजन के उपरांत मानस मर्मज्ञ पंडित त्रियुगीनारायण मणि ने प्रथम दिन के कथा को आगे बढ़ाते हुए बताएं कि मां सती के देह त्याग की सूचना पर भगवान महादेव अपने ससुर ब्रम्ह पुत्र राजा दक्ष पर कुपित होकर अपने सर से दो जटाओं को उखाड़ कर भूमि पर फेंक देते है। जिससे वीरभद्र और भद्रकाली नामक देवगण की उत्पत्ति होती है। महादेव के आदेश पर उक्त देवगण राजा दक्ष के यज्ञ को तहस नहस करते हुए राजा दक्ष के सर को धड़ल्ले से काटकर हवन कुंड में समावेशित कर देते हैं।यज्ञ विध्वंस से तैंतीस कोटि देवता महादेव की स्तुति करते हुए यज्ञ में आने की प्रार्थना करते हैं। देवताओं के आग्रह पर महादेव यज्ञ में पहुंचकर अपनी सास के आग्रह पर दक्ष को जीवित करते हुए अपनी पत्नी मां सती के मृत देह को कंधे पर उठाकर विरह वेदना में त्रिलोक में चल पड़ते हैं। त्रिलोक भ्रमण के दौरान जहां जहां भगवान महादेव के आंसू गिरते हैं वही रूद्राक्ष है। जिन्हें महादेव अपने गल्ले में धारण कर लिए।सती के वियोग में महादेव सहित रूद्राक्ष भी पृथ्वी पर असमय प्रलय लाने के लिए ताण्डव करने लगे।तब भगवान विष्णु ने अपने चक्र सुदर्शन से सती के देह के बावन टुकड़े कर दिए जो विभिन्न विभिन्न जगहों पर गिरे। जिन्हें हम शक्ति पीठ के रूप में पूजते हैं। दूसरे दिन के कथा के मुख्य यज्ञमान बबलू राय रहे। संचालन पंडित जितेन्द्र मिश्र ने किया। उपस्थित श्रोताओं के प्रति आभार व्यक्त कथा के आयोजक रामेश्वर राय पूर्व प्रधान द्वारा किया गया।इस अवसर पर रविन्द्र वर्मा पूर्व प्राचार्य,मुख्तार मास्टर, आशुतोष राय,सस्ता बाबा, विजय नाथ,अल्केन्द्र पाण्डेय पत्रकार,अमीर आलम, विरेन्द्र यादव आदि श्रोतागण विशेष रूप से कथा का रसपान करते नजर आए।

About The Author

Social Media Auto Publish Powered By : XYZScripts.com