रक्षाबंधन का त्यौहार भाई बहनों की असीम मोहब्बत और प्रेम का प्रतिक। =गीतासिंह
संवाददाता : राजन सिंह
कुशीनगर
कुशीनगर जनपद के थाना/ क्षेत्र कसया की समाज सेवी गीता देवी का सुझाव भारतीय संस्कृति में हर त्यौहार/पर्व का एक बिशेष महत्व है। यह त्यौहार हमारी भारतीय धार्मिक समाजिक एवं संस्कृति परम्पराओ जुडे रहने के साथ -साथ समाज में आपसी प्रेम और सद्भावना मोहब्बत और अपनापन को भी अधिक मजबूती
प्रदान करते हैं। सनातन संस्कृति मे रक्षाबंधन का त्यौहार भाई बहन के स्नेह और विश्वास का अटूट बंधन है। आज के दिन धार्मिक और सामाजिक मान्यता को देखते हुए यह भी कहना गलत नहीं होगा कि रक्षाबंधन के दिन भाई को राखी बांधने के बाद उसके माथे पर कुमकुम या चन्दन का तिलक लगाती है। कुछ लोक तिलक के अक्षत का भी इस्तेमाल करते हैं, दर असल तिलक लगाने के पिछे वैज्ञानिक और धार्मिक दोनों तरफ की मान्यताए है, तिलक को प्यार, सम्मान पराक्रम और विजय का प्रतीक माना जाता है। इस प्रकार हमारे यहा रक्षाबंधन अनेकों बहनों ने भाई को रक्षा सूत्र बांधकर पवित्र त्यौहार को मनाया जैसे गीता देवी, मीना देवी, अंकिता, सन्ध्या देवी, प्रीती सिंह, शशी देवी, प्रतिभा सिंह, सिंधी सिंह इत्यादि सहित विभिन्न गाँव के बहनों ने रक्षा सूत्र बांधकर पवित्र त्यौहार को मनाया और अपने भाई से आशीर्वाद लिया, भाई भी अपने बहनों को कुछ उपहार सहित आशीर्वाद प्रदान किये।