December 21, 2024

यामिनी सामाजिक संस्थान द्वारा आयोजित की गई सांस्कृतिक संध्या

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यामिनी सामाजिक संस्थान द्वारा आयोजित की गई सांस्कृतिक संध्या

अमिट रेखा /राजेश सोनकर /गोरखपुर

यामिनी सांस्कृतिक एवं सामाजिक संस्थान के द्वारा सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया।छोटे बच्चे आशी मायरा, अद्विता ने लुंगी डांस नृत्य की प्रस्तुति की। बेहतरीन नृत्य करती नृत्यांगनाओं की जुगलबंदी देखने लायक थी। इस खूबसूरत सांस्कृतिक संध्या में मौजूद लोगों को महसूस हुआ

यामिनी सांस्कृतिक एवं सामाजिक संस्थान के द्वारा सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया।आयोजन का शुभारंभ मुख्य अतिथि राकेश श्रीवास्तव ( सदस्य,संगीत नाटक अकादमी, उत्तर प्रदेश) द्वारा दीप प्रज्ज्वलन करके किया गया। प्रबंधक श्रीमती गीता सिंह जी द्वारा बैच लगाकर उनका सम्मान किया गया। इस सांस्कृतिक संध्या पर शहर के नामी प्रसिद्ध महान विभूतियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। कार्यक्रम की शुरुआत यामिनी के शिष्य एवं शिष्याओ द्वारा सरस्वती वंदना एवं गणेश वंदना की प्रस्तुति से की गई। कथक नृत्यागनाओ ने गुरु मां श्रीमती सोनिका सिंह जी द्वारा निर्देशित कथक नृत्य की सुंदर प्रस्तुति दी। जिसमे नूपुर, अपूर्वी,आन्या, दूशिका द्वारा तीनताल, झपताल, कहरवा,दादरा ताल के तत्कार साथ नमस्कार,आमद, परन, चक्करदार परन, कवित्त की प्रस्तुति कर शिष्याओ ने दर्शकों की वाह – वाही लूटी । नीलांजना बासु ने भारतनाट्यम नृत्य की प्रस्तुति की। जिसमे उन्होंने देवी दुर्गा की अराधना कर महौल भक्तिमय बना दिया।शिवेन्द्र ने सूफी संगीत की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम के मध्य में शास्त्रिय गायन राग देशकार मे बड़ा ख्याल और छोटा ख्याल की प्रस्तुति के साथ – साथ तराना की भी प्रस्तुति की गई। पंडित जसराज जी की स्मृति मे कथक नृत्याँगना आन्या एवं दूषिका ने कृष्ण – राधा की रासलीला का मंचन किया। जिसमे दोनों कथक नृत्यनगनाओ ने कथक नृत्य के 114 चक्कर लगाकर दर्शकों को अचंभित कर दिया। अतिथि राकेश श्रीवास्तव जी ने कलाकारों की प्रशंसा की। छोटे बच्चे आशी मायरा, अद्विता ने लुंगी डांस नृत्य की प्रस्तुति की। बेहतरीन नृत्य करती नृत्यांगनाओं की जुगलबंदी देखने लायक थी। इस खूबसूरत सांस्कृतिक संध्या में मौजूद लोगों को महसूस हुआ कि जैसे वह पुराने भारतीय संस्कृति के मंच पर पहुंच गए हो । 5 वर्ष की समृद्दि, नैत्रि, आशी ने शास्त्रिय नृत्य की प्रस्तुति कर दर्शकों का मन मोह लिया। एक के बाद एक जबरदस्त प्रस्तुति देती हुई नृत्यांगना अपनी मनमोहक भावों से लोगों को मुग्ध कर रही थी। जोरदार तालियों से पूरा माहौल गूंज रहा था। कथक, भरतनाट्यम, शास्त्रिय संगीत की प्रस्तुति अपने आप में एक अभिन्न रंग और रस के साथ उस मंच पर उतरी थी। गुरु मां श्रीमती सोनिका सिंह जी ने हमारे देश की धरोहर एवं संस्कृति को बचाने के लिए इस सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया और वाकई में यह काबिले तारीफ है जो हमारी संस्कृति को आगे बढ़ा रही हैं। पाश्चात्य संस्कृति का बोल बाला होने के बावजूद अपनी संस्कृति को लोग ज्यादा पसंद कर रहे हैं।
यामिनी सांस्कृतिक एवं सामाजिक संस्थान की प्रबंधक श्रीमती गीता सिंह जी ने बच्चों को प्रश्सस्ती पत्र देकर सम्मानित और प्रोत्साहित किया। साथ ही निदेशक कथक गुरु श्रीमती सोनिका सिंह जी ने सभी को धन्यवाद देकर कार्यक्रम का समापन किया

103950cookie-checkयामिनी सामाजिक संस्थान द्वारा आयोजित की गई सांस्कृतिक संध्या