एक हीं अध्यापक के जिम्मे तीन कक्षाओं का भार, मिड डे मील आंकड़ों में भी बड़ा हेरा फेरी
अमिट रेखा/कृष्णा यादव तहसील प्रभारी/तमकुही राज/कुशीनगर
प्राप्त समाचार अनुसार नगर पंचायत तमकुही राज बीआरसी कार्यालय के नाक के नीचे चल रहा पूर्व माध्यमिक विद्यालय तथा अनिवार्य प्राइमरी पाठशाला तमकुही राज पूर्व में तमकुही राज के स्वर्गीय राजा इंद्रजीत प्रताप बहादुर साहिब द्वारा शिक्षा का ज्योति जलाने के लिए विद्यालय की आधारशिला रखी गई पूर्व में अनिवार्य प्राइमरी पाठशाला का नाम राजा साहब के जमाने में जबरिया स्कूल रखा गया था जहां पर राजा साहब के मंत्री, सैनिक गांव में जाकर बच्चों को पढ़ने के लिए बुलाकर स्कूल में लाते थे आज के वर्तमान समय में यह सपना शिक्षा विभाग के उदासीनता के कारण टूटता नजर आ रहा है एक दशक पूर्व इन विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों की संख्या सैकड़ों में दर्ज होती थी जो आज दर्जन में दर्ज हो रही है शिक्षा की अस्तर को सुधारने के लिए समय-समय पर सरकार ने कई परिवर्तन किए लेकिन विडंबना यहां यह है कि जो शिक्षक यहां से रिटायर हुए उनके स्थान पर नए शिक्षकों की भर्ती नहीं हो पाई आज की स्थिति यह बनी हुई है कि पूर्व माध्यमिक स्कूल पर एक अध्यापक के सहारे कक्षा 6कक्षा 7 कक्षा 8 का क्लास चल रहा है यहां विद्यार्थियों की संख्या एक दर्जन से नीचे ही है जिसको बरामदे में बैठा कर तीनों क्लास के विद्यार्थियों को एक ही अध्यापक पढ़ाता नजर आता है बताते चलें कि यहां पर दो रसोईया कार्यरत हैं जिससे यह प्रतीत होता है कि विद्यार्थियों की उपस्थिति में अभिलेखों में भी हेराफेरी की जा रही है तथा मिड डे मील के अंतर्गत गोलमाल दिखाई दे रहा है वही स्थिति प्राइमरी पाठशाला की भी है जहां जबरिया लड़के पढ़ाए जाते थे वहां पर अध्यापक की मनमानी के चलते बच्चों की उपस्थिति बहुत कम है इस विद्यालय पर भी दो रसोईया 2 शिक्षामित्र एक अध्यापिका प्रधानाचार्य की नियुक्ति हुई है विद्यालय के अंदर साफ सफाई की कोई व्यवस्था नहीं है गंदगी का अंबार लगा हुआ है झाड़ियों से चारों तरफ से स्कूल पटा है यहां भी बच्चों की उपस्थिति कम होने तथा 2 रसोइयों की नियुक्ति 2 शिक्षा मित्र एक अध्यापिका इस बात का संदेह पैदा करते हैं कि यहां भी मिड डे मील में गोलमाल जरूर है आश्चर्य की बात यह है कि यहां पर शिक्षा विभाग के ब्लॉक स्तर के बीआरसी भ़वन का कार्यालय उपखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय होने के बाद भी इन विद्यालयों की जाँच अब तक नही हो पायी। परंतु बीआरसी के नाक के नीचे दोनों विद्यालय शिक्षा विभाग को मुंह चिढ़ा रहे हैं इन विद्यालयों को देखने तथा परखने का उप खंड शिक्षा अधिकारी ने अब तक जहमत नहीं उठाया है काश अगर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी का ध्यान स्वर्गीय राजा साहब द्वारा स्थापित इन दोनों स्कूलों के तरफ 1 दिन भी हो जाता तो शायद इन विद्यालयों का कायाकल्प होता सरकार द्वारा शिक्षा विभाग में चलाई जा रही योजनाओं का भरपूर लाभ इस क्षेत्र के विद्यार्थियों को मिलना शुरू होता जिस दिन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी की जांच इन विद्यालयों के तरफ हो जाएगी उस दिन यहां का गोलमाल यहां की सत्यता अवश्य उजागर होगी।
1017100cookie-checkतमकुही पूर्व माध्यमिक स्कूल में विद्यार्थियों की कम उपस्थिति चिंता का विषय
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