February 19, 2025

तीन नये आपराधिक कानून एवं महिला कल्याण विषय में विधिक जागरूकता / साक्षरता शिविर का आयोजन जिला कारागार, गोरखपुर में किया गया।

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तीन नये आपराधिक कानून एवं महिला कल्याण विषय में विधिक जागरूकता / साक्षरता शिविर का आयोजन जिला कारागार, गोरखपुर में किया गया।

 

अमिट रेखा /मृत्युंजय पांडेय /मेडिकल गोरखपुर

उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ की कार्ययोजना वर्ष 2024-2025 के क्रियान्यन के क्रम में तथा जनपद न्यायाधीश / अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, गोरखपुर श्री तेज प्रताप तिवारी के कुशल निर्देशन में आज दिनांक 18.07.2024 को तीन नये आपराधिक कानून एवं महिला कल्याण विषय में विधिक जागरूकता / साक्षरता शिविर का आयोजन जिला कारागार, गोरखपुर में किया गया। उक्त कार्यक्रम में अपर जनपद न्यायाधीश/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, गोरखपुर विकास सिंह के साथ ही साथ वरिष्ठ जेल अधीक्षक, जेलर, डिप्टी जेलर, उपस्थित रहें। अपर जनपद न्यायाधीश / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, गोरखपुर विकास सिंह द्वारा सर्वप्रथम पाकशाला, पाठशाला, नव निर्मित महिला वैरक, पुरूष बैरक, चिकित्सालय व लीगल एड क्लीनिक का निरीक्षण किया गया। समक्ष आयी कमियों के सुधार हेतु वरिष्ठ जेल अधीक्षक को निर्देशित किया गया। साथ ही साथ जिला कारागार, गोरखपुर में निरूद्ध पुरूष एवं महिलाओं को उक्त विषय पर ध्यान आकर्षित करते हुए बताया गया कि भारत सरकार द्वारा 03 नये आपराधिक कानून यथा भारतीय न्याय संहिता-2023 भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता-2023 एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम-2023 दिनांक 01.07.2024 से लागू किया गया है, जो कि इंडियन पीनल कोड (IPC) की जगह भारतीय न्याय संहिता, क्रिमिनल प्रोसीजर कोड (CrPC) की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और एविडेंस एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू हो गया है एवं नए कानून के लागू होने के बाद जो धाराएं अपराध की पहचान बन चुकी थीं, उनमें भी बदलाव होगा। जैसे हत्या के लिए लगाई जाने वाली IPC की धारा 302 अब धारा 103 कहलाएगी। ठगी के लिए लगाई जाने वाली धारा 420 अब धारा 318 होगी। हत्या के प्रयास के लिए लगाई जाने वाली धारा 307 अब धारा 109 कहलाएगी। वहीं दुष्कर्म के लिए लगाई जाने वाली धारा 376 अब धारा 64 होगी तथा हिट एंड रन केस का संबंधित प्रावधान तुरंत लागू नहीं होगा। केंद्रीय गृह सचिव ने जनवरी में कहा था कि भारतीय न्याय संहिता की धारा 106 (2) को लागू करने का फैसला अखिल भारतीय मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (AIMTC) से सलाह के बाद ही लिया जाएगा। इसके अतिरिक्त उपस्थित महिला बंदियों को बताया गया कि घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण अधिनियम, 2005 भारत की संसद् द्वारा पारित एक अधिनियम है जिसका उद्देश्य घरेलू हिंसा से महिलाओं को बचाना है और पीड़ित महिलाओं को विधिक सहायता उपलब्ध कराना है। मिशन शक्ति’ मिशन मोड में एक योजना है जिसका उद्देश्य महिला सुरक्षा, संरक्षा और सशक्तिकरण के लिए समर्थन को मजबूत बनाना है।यह जानकारी विकास सिंह, अपर जनपद न्यायाधीश/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण,गोरखपुर द्वारा दी गयी।

 

159800cookie-checkतीन नये आपराधिक कानून एवं महिला कल्याण विषय में विधिक जागरूकता / साक्षरता शिविर का आयोजन जिला कारागार, गोरखपुर में किया गया।