अमिट रेखा शक्ति ओम सिंहखजनी गोरखपुर।सरकारी शिक्षकों द्वारा फर्जी तरीके से वेतन लेने का मामला कोई नई घटना नहीं है। मिली जानकारी के अनुसार बेलघाट विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय बनकट में भी एक दुर्घटना में घायल सहायक अध्यापक के धोखाधड़ी से उपस्थिति पंजिका (रजिस्टर) पर फर्जी हस्ताक्षर बनाकर वेतन लेने के जुगाड़ से जुड़ा है। जिसमें विद्यालय के इंचार्ज प्रधानाध्यापक की संलिप्तता स्पष्ट रूप से उजागर होती है।बेलघाट विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय बनकट में कार्यरत सहायक अध्यापक संतोष कुमार के द्वारा विद्यालय की उपस्थिति पंजिका (हाजिरी रजिस्टर) में फर्जी कूट रचित हस्ताक्षर करने का मामला प्रकाश में आया है।मिली जानकारी के अनुसार सहायक अध्यापक विगत 18 फरवरी को घायल हो गए थे और उनके पैर की हड्डी टूट गई थी। खजनी में एक प्राइवेट चिकित्सक के पास उपचार के दौरान उनके पैर में डेढ़ माह तक के लिए प्लास्टर लगा दिया गया था और बेड रेस्ट की सलाह देते हुए डॉक्टर ने उन्हें चलने फिरने से मना कर दिया था। जिससे स्वास्थ लाभ के लिए शिक्षक संतोष कुमार अपने पैतृक निवास स्थान आजमगढ़ जिले में चले गए थे।लेकिन इस दौरान विद्यालय के उपस्थिति रजिस्टर पर उनका नियमित हस्ताक्षर होता रहा है।जबकि विद्यालय का हाजिरी रजिस्टर वहां के इंचार्ज प्रधानाध्यापक कमरुद्दीन अहमद अंसारी के पास उनके चार्ज (नियंत्रण) में रहता है।शिक्षक संतोष कुमार द्वारा अपने घायल होने की सूचना स्कूल के प्रधानाध्यापक कमरूद्दीन अहमद को दे दी गई थी। वहीं इस संदर्भ में पूछे जाने पर विद्यालय के प्रधानाध्यापक कमरूद्दीन अहमद ने मंगलवार 23 मार्च को शिक्षक संतोष कुमार के स्कूल में मोजूद होने का दावा किया। जबकि स्थानीय ग्रामवासियों और स्कूल के शिक्षा मित्र रसोइया और अन्य लोगों का कहना है कि घायल होने के बाद शिक्षक संतोष कुमार स्कूल पर कभी नहीं आए डाक्टर ने उनको चलने फिरने से मना कर दिया था।बताते चलें कि अभी विगत वर्ष 20 जून 2020 को उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग में कथित तौर पर फ़र्जीवाड़ा करके 25 स्कूलों में एक साथ पढ़ाने वाली टीचर अनामिका शुक्ला का मामला प्रकाश में आया था। अनामिका शुक्ला को बेसिक शिक्षा विभाग ने नोटिस भेजा था। लेकिन नोटिस का जवाब देने के बजाय वो इस्तीफ़ा देने गई थीं। जहां उन्हें नाटकीय ढंग से गिरफ़्तार कर लिया गया था।मामले में एबीएसए बेलघाट उदयभान कुशवाहा ने बताया कि हमें मामले की जानकारी नहीं है। सभी स्कूलों से प्रपत्र-9 (वेतन बिल) 25 मार्च तक बीआरसी पर आ जाता है। जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।
*सरकारी प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों द्वारा फर्जी हस्ताक्षर बनाने का मामला उजागर*
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