शाखा गोरखपुर एसोसिएशन ऑफ़ पीडियाट्रिक्स के संयुक्त तत्वावधान में विश्व स्तनपान सप्ताह २०२४ आगामी १ अगस्त से ८ अगस्त तक विगत दशकों के अनुरूप आयोजित
अमिट रेखा /मृत्युंजय पांडेय /मेडिकल गोरखपुर
विश्व स्वास्थ्य संगठन , यूनिसेफ , भारत सरकार , स्वास्थ्य विभाग उत्तर प्रदेश राज्य सरकार , बी आर डी मेडिकल कॉलेज , प्रांतीय चिकित्सा सेवा संवर्ग एवं इंडियन एकेडमी ऑफ़ पीडियाट्रिक्स की गोरखपुर शाखा गोरखपुर एसोसिएशन ऑफ़ पीडियाट्रिक्स के संयुक्त तत्वावधान में विश्व स्तनपान सप्ताह २०२४ आगामी १ अगस्त से ८ अगस्त तक विगत दशकों के अनुरूप आयोजित किया जा रहा है।
वर्तमान वर्ष का ध्येय वाक्य :- CLOSING THE GAP अर्थात *सभी स्वास्थ्य संस्थानों एवं केन्द्रों पर स्तनपान के प्रति सूचना , सहयोग , जागरूकता एवं जानकारी से स्तनपान में अंतर को समाप्त करना !* है।
इसके अंतर्गत स्वास्थ्य केन्द्रों पर मानवीय एवं अन्य संसाधनों के बेहतर समेकित परिष्कृत एवं समुचित उपयोग से स्तनपान को सतत निरंतर सुनिश्चित करने एवं उसके अनुपालन के क्रम में आ रही कठिनाइयाँ पहचान कर उनका सतत निराकरण करना है।
इसके लिये जन्म के तत्काल बाद १ घंटे के भीतर स्तनपान सुनिश्चित करना , ६ माह तक केवल स्तनपान करना एवं तदुपरांत अनुपूरक आहार को दो वर्ष तक देना सुनिश्चित करना है। यह प्रयास अपने आप में टीकाकरण के साथ मिलकर बच्चों की मृत्यु दर में ४०-५० प्रतिशत तक कमी ला सकता है।
स्तनपान से अतिसार के ३.५ करोड़ केस रोके एवं लगभग १५ लाख अकाल मृत्यु को रोका जा सकता है। स्तनपान निमोनिया के २५ लाख केस को रोकने के साथ साथ लगभग निमोनिया के कारण ५ लाख मृत्यु को रोकने में कारगर उपाय है। यह सर्व सुलभ , मानवीय एवं बिना किसी संसाधन के उपलब्ध है।
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के अनुसार ८८.६ % प्रसव संस्थागत होते हैं जिनमें से केवल ४१% को एक घंटे में स्तनपान सुनिश्चित हो पाता है। यह अत्यधिक कम है और उसे शत प्रतिशत बनाने के लिये अथक प्रयासों की आवश्यकता है।इसके लिए राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कुछ बिन्दु बनाये गये हैं :-
१) स्तनपान संवर्धन के प्रयास एवं IMA Act का अनुपालन सुनिश्चित करना
२) प्रत्येक स्वास्थ्य केन्द्र पर लिखित एवं प्रदर्शित स्तनपान नियमावली का होना
३) सतत निगरानी द्वारा डाटा प्रबन्धन एवं फीडबैक से निरंतर सुधार सुनिश्चित करना
४) स्वास्थ्य कर्मचारियों , परिचारकों , चिकित्सकों का प्रशिक्षण , ज्ञान , कौशल सुनिश्चित करना
५) गर्भवती महिलाओं एवं उनके परिजनों में स्तनपान के प्रति जागरूकता एवं नवजात शिशु व नवप्रसूता के पोषण से संबंधित जानकारी देना
६) नवप्रसूता एवं नवजात शिशु के मध्य त्वचा का त्वचा से संपर्क स्थापित करना एवं उसे सुनिश्चित करना । एक घंटे के भीतर स्तनपान स्थापित करने को सुनिश्चित करना ।
७) स्तनपान करवा रही माताओं को सुलभ जानकारी एवं कठिनाइयाँ होने पर उनके निदान में सहायता प्रदान करना ।
८) नवजात शिशु को ६ माह तक बिना चिकित्सकीय परामर्श के कुछ भी नहीं देना ।
९) नवजात शिशु व नवप्रसूता को निरंतर सतत एक शय्या पर एक ही कक्ष में रहने में सहायता देना ।
१०) स्तनपान निरंतर एवं सतत सुनिश्चित करने के लिये माताओं को शिक्षित व प्रशिक्षित करना ।
११) डब्बे के दूध एवं बोतल से दूध पिलाने के गंभीर दुष्प्रभावों से अवगत करवा कर उसे निषेध करना ।
१२) स्वास्थ्य केन्द्र से डिस्चार्ज होते समय स्वास्थ्य परिचारक / आशा / ए एन एम से संपर्क स्थापि
त करने में मार्गदर्शन देना ।
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