अमिट रेखा सुनील पाण्डेय
ब्यूरो महराजगंज
फरेंदा तहसील क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर कई दशकों से लगने वाला पशु बाजार नियम की जटिलता व पशुपालकों की उदासीनता के कारण बंद होने की स्थिति में आ गए है। जिससे पशुपालकों के सामने आर्थिक संकट भी उत्पन्न हो गया है। वहीं किसान अपने जानवरों को जंगल में छोड़ने को विवश हैं।
तहसील क्षेत्र के फरेंदा, लेहड़ा, दिलदार नगर, बहदुरी सहित अन्य जगह पशुओं के लिए चर्चित साप्ताहिक बाजार में शुमार था। लेकिन वर्तमान समय कुछ बाजार तो बंद हो चुके हैं, तो वहीं कुछ अपना अस्तित्व बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। जटील नियम की वजह से गाय व बैलों की खरीद-फरोख्त तो बिल्कुल बंद हो गई है, भैंस ही बाजार में बिकने के लिए आती हैं। लेकिन किसान अपने गाय व बैलों को बाजार तक नहीं ले आ रहे है। खरीद व बिक्री न होने के कारण मजबूरी में पशुओं को जंगल में छोड़ना पड़ रहा है। गोवंशीय जानवरों की खरीद व बिक्री न होने के कारण इन दिनों सड़कों पर इनकी संख्या काफी बढ़ गई है। किसान अपने गायों व बैलों को कस्बे व जंगल में छोड़ जा रहे हैं। इन जानवरों से आए दिन सड़क दुर्घटना भी हो रही है। क्षेत्र के दिनेश, कमलेश, नरेश, रामसूरत, राम लखन, राम नरेश, राम भवन, सजन सहित अन्य लोगों ने कहा कि प्रशासन जानवरों को शीघ्र गो आश्रय भिजवाए। जिससे किसानों व आम नागरिकों की समस्याओं का समाधान हो सके।
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