February 17, 2025

राजस्व की कमी को नही सुधार पा रही सरकार

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राजस्व की कमी को नही सुधार पा रही सरकार

सरकारी जमीन दिन प्रति दिन शून्य के कगार पर

कोरम पूरा करने के होर में सड़को की चौड़ाई घट रही

अमिट रेखा लखनऊ। उत्तर प्रदेश में राजस्व विभाग की कमियों को वर्तमान सरकार नही सुधार पा रही है। जिसका कारण है कि सरकारी जमीनों को लोग कब्जा दिन प्रति दिन करते जा रहे है। अखबारी सूत्र के मोताबिक उत्तर प्रदेश के अनेकों जिलों के अंतर्गत आने वाले विकास खण्ड के ग्राम सभाओं में लोग दिन प्रतिदिन सड़को को काटते जा रहे है। ज्ञात हो कि ग्रामीण इलाकों के खेत मार्ग को सरकार के माध्यम से इंटरलॉकिंग , पिच , खड़ंजा इत्यादि कार्यो को कराने में ग्राम प्रधान सक्रिय है परन्तु जब भी मिट्टी फेकने या सड़क निर्माण का कार्य सुरु हो रहा है लोग जबरन सड़को को नही छोड रहे है तथा मकान की एरिया को सड़कों तक निहित कर बना दे रहे है। सूचना के मोताबिक प्रदेश के ग्राम सभाओ में सड़को का सीमांकन न करते हुए वर्तमान में चल रही सड़को को सरकार के जनप्रतिनिधियों के द्वारा बनवाया जा रहा है। उदाहरण के अनुसार अगर सड़क खेत खलिहान से गुजर रही है तथा उसकी चौड़ाई 5 से 10 मीटर की है तो उस सड़क को राजस्व के कर्मचारी मौके पर पूरा कभर नही कर पा रहे है सड़के दिन प्रतिदिन पतली होती जा रही है। तथा लोग सड़कों पर चढ़कर मकान बना रहे है। कहने का अर्थ है कि सरकार को बड़े पैमाने पर गाव की सड़कों का सीमांकन करना पड़ सकता है । क्योंकि जब भी कोई नई सरकार आएगी मकान को तोड़वाने का कार्य जारी करेगी। जनता को आज अगर वर्तमान सरकार के राजस्व अधिकारी मौके पर सीमांकन करते हुए पत्थर हलाने का कार्य कर दे तो जनता अपनी मकान सड़क सीमा को छोड़कर ही बनवाती। परन्तु वर्तमान सरकार के राजस्व अधिकारी, ग्राम प्रधान व जनप्रतिनिधियों के द्वारा सही निर्णय न लेते हुए सिर्फ कोरम को पूरा किया जा रहा है जो आने वाले भविष्य के लिए खतरा साबित कर सकता है। एक और सूचना के मोताबिक सरकार राजस्व की भूमि जैसे खलिहान, गड़हा, नवीन परती, बंजर, अंबेडकर पार्क , आबादी को अतिक्रमण से दूर नही कर पा रही है। ना ही बड़े पैमाने पर सीमांकन करने का कार्य कर रही है। प्रदेश के ब्लाक क्षेत्रो में सरकारी जमीन दिन प्रति दिन शून्य होती जा रही है। जो आने वाले भविष्य में ग्रामीणों के लिए खतरा साबित हो सकता तथा अतिक्रमण को लेकर बेवजह आने वाली सरकार में मुकदमा दायर हो सकता है। क्योंकि शासन प्रशासन में फेर बदल होना स्वभाविक माना जाता रहा है।

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