मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का हुआ शुभारम्भ

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मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का हुआ शुभारम्भ
Editor July 22, 2021 1 min read

’ कोविड 19 महामारी के दौरान अनाथ/निराश्रित हुए बच्चों का सरकार रखेगी पूरा ख्याल ’

’ अनाथ बच्चों की शिक्षा, सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है प्रदेश सरकार’

जनपद में चिन्हित किए गए है 143 अनाथ/निराश्रित बच्चें, जिन्हे इस योजना का मिलेगा लाभ- जिलाधिकारी

आगे भी इस योजना के तहत आवेदन लिए जाने व उन्हे लाभ पहुॅचाए जाने का डीएम ने दिया निर्देश

’ देवरिया( ब्यूरो)

उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना कोरोना संक्रमण से अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चो का सहारा बनेगी। उत्तर प्रदेश ऐसी योजना लागू करने वाला देश का प्रथम राज्य है। उक्त विचार राज्यपाल श्रीमती आन्नदीबेन पटेल ने व्यक्त किया। लोक भवन लखनऊ सभागार में आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उन्होने बताया कि उन्होने विश्वविद्यालय तथा डिग्री कालेज में अध्ययनरत माता-पिता विहीन बच्चों को गोद लेने के लिए सभी विभागाध्यक्षों एवं कुलपतियों को निर्देशित किया है। उन्होने कहा कि लड़कियों को विशेष रूप से समय-समय पर मार्गदर्शन की आवश्यकता होगी। इस अवसर पर उन्होने इस योजना के लोगों का बटन दबाकर अनावरण किया। उन्होने कहा कि बालिकाओं के विवाह के लिए इस योजना में रू0 1.01 लाख दिये जाने की सराहना करते हुए कहा कि यह विवाह योग्य होने पर कन्याओ के लिए विशेष लाभदायक होगा।
मा0 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस योजना के अन्तर्गत कुल 4050 बच्चों को चिन्हित किया गया है, इसमें से 240 बच्चों के माता-पिता दोनो की मार्च 2020 से अब तक कोरोना के कारण मृत्यु हो गयी है। 3810 बच्चे ऐसे है, जिनके माता या पिता की कोरोना से मृत्यु हुयी है, ऐसे प्रत्येक परिवार को 4000 रूपया प्रतिमाह भरण-पोषण के लिए दिया जायेंगा। उन्होने सभी 4050 बच्चों के खाते में 4.86 करोड़ रूपये की धनराशि बटन दबाकर आनलाइन स्थानान्तरित किया। यह धनराशि प्रत्येक बच्चे के भरण-पोषण के लिए तिमाही किश्त 12000 रूपये खाते में दी गयी। इस अवसर पर उन्होने कहा कि 18 वर्ष की आयु तक बच्चे के भरण-पोषण की व्यवस्था की जायेंगी। बच्चों को उनके उम्र के अनुसार बाल संरक्षण गृह में रखा जायेंगा। पढने वाले लड़को को अटल आवासीय विद्यालय तथा लड़कियों को कस्तूरबा गॉधी बालिका विद्यालय में प्रवेश दिलाया जायेंगा। उन्होने महिला एवं बाल कल्याण विभाग को निर्देश दिया है कि कोरोना काल में अन्य बीमारियों से मृत्यु होने पर माता-पिता को खोने वाले बच्चों को इस योजना का लाभ दिलाया जाय। साथ ही निराश्रित विधवा महिला को योजना के अन्तर्गत लाभ दिलाया जाय। प्रदेश की महिला एवं बाल कल्याण मंत्री स्वाती सिंह ने सभी का स्वागत करते हुए योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दिया। इस अवसर पर स्वास्थ्य एंव चिकित्सा मंत्री जय प्रताप सिंह, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष विमला माथुर, बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष डॉ0 विशेष गुप्ता, मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी, अपर मुख्य सचिव एस0 राधा चौहान उपस्थित रहे। प्रमुख सचिव महिला एंव बाल विकास वी0 हेकाली झिमोमी ने सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।
जनपद स्तर पर भी आयोजित हुआ सजीव प्रसारण कार्यक्रम चयनित बच्चों को दिया गया स्वीकृति पत्र
जनपद स्तर पर आयोजित इस कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्वलन एवं मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण के साथ विकास भवन गंाधी सभागार में जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन, पुलिस अधीक्षक डा श्रीपति मिश्र की अध्यक्षता एवं सदर विधायक डा सत्य प्रकाश मणि त्रिपाठी बतौर मुख्य अतिथि द्वारा किया गया। इस दौरान वर्चुअल कार्यक्रम का सजीव प्रसारण किया गया। मुख्य विकास अधिकारी शिव शरणप्पा जी एन एवं अपर जिलाधिकारी प्रशासन कुवर पंकज, सीएमओ डा आलोक पाण्डेय, भी इस कार्यक्रम में सिरकत किए। इस योजना के तहत चिन्हित 15 बच्चों को मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का स्वीकृति प्रमाण पत्र भी अतिथियों द्वारा प्रदान किया गया।
मुख्य अतिथि सदर विधायक ने कहा कि मुख्यमंत्री ने कोविड काल से अनाथ हुए बच्चों के प्रति सोच रखा तथा संवदनशीलता दर्शातें हुए इस योजना के लिए तत्काल आदेश जारी किया और उसका पालन भी शुरु हुआ। उन्होने कहा कि सरकार पीडितों, पोषितो के हित में योजनायें चलाई है और जरुरतमंदों के लिए कार्य कर रही है। उन्होने योजना को और अच्छी तरीके से क्रियान्वित किए जाने पर बल दिया एवं जो भी पात्र छूटे हो, उन्हे सम्मिलित किए जाने को कहा।
जिलाधिकारी श्री निंरजन ने कहा कि कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों के भविष्य को लेकर यह अत्यन्त ही महत्वपूर्ण योजना है। उन्होने कहा कि ऐसे बच्चों के लिए सरकार एक अभिभावक की भूमिका में है और उनके भविष्य का पूरा ख्याल रखा जायेगा, जिन बच्चों को रहने व पढने की सुविधा नही उपलब्ध हो सकेगी उन्हे अटल विद्यालय एवं कस्तूरबा गांधी विद्यालय में निःशुल्क शिक्षा दी जायगी। प्रत्येक माह 4 हजार रुपए ऐसे निराश्रित बच्चों को दिए जायेगे। बालिका शादी योग्य होने पर 01 लाख 01 हजार रुपए दी जायेगी। शासन द्वारा ऐसे बच्चे के प्रति पूरी संवेदनशीलता एवं उनके भविष्य की चिन्ता करते हुए उनके चल-अचल सम्पति को सुरक्षा का दायित्व जिला प्रशासन को सौपी है। उन्होने कहा कि 143 बच्चें इस योजना में चिन्हित किए गए है, जिनमें से आज 15 बच्चों को स्वीकृति पत्र प्रदान किया गया है, शेष सभी को भी स्वीकृति पत्र व उनके खातो में धनराशि भेजी जायेगी। उन्होने जिला प्रोबेशन अधिकारी को निर्देश दिया कि आगे भी पात्र व छूटे हुए बच्चों को चिन्हित कर उनका आवेदन भी लिए जाए।
पुलिस अधीक्षक डा श्रीपति मिश्र ने कहा कि मा0 मुख्यमंत्री जी द्वारा संचालित यह बहुत ही अच्छी योजना है, इससे मेधावी बच्चों को बहुत बडी सुविधा मिलेगी, जिसका व्यापक असर आगामी समय में दिखेगा। उन्होने बच्चों को शुभकामनायें दी और कहा कि राष्ट्र में अच्छा व श्रेष्ठ नागरिक के रुप मे वे अपने आप को स्थापित करें।
इस अवसर पर अतिथियों का स्वागत पुष्पगुच्छ प्रदान कर जिला प्रोबेशन अधिकारी प्रभात कुमार आदि के द्वारा किया गया। उन्होने यह भी बताया कि 51 बच्चों को लैपटाप अथवा आइपैड दिए जाने हेतु चिन्हित कर लिए गए है। आगे भी ऐसे बच्चो के चिन्हांकन का कार्य जारी रहेगा। जनपद के चिन्हित बच्चों के नियत बैंक खातो में 17 लाख 16 हजार की धनराशि स्थानान्तरित किए जाने की प्रक्रिया पूर्ण कर ली गयी है।
इस अवसर पर जिला बाल संरक्षण अधिकारी जे पी तिवारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी कृष्णकान्त राय, वन स्टाफ सेन्टर की मीनू जायसवाल, नीतू भारती, सीडीपीओ सत्येन्द्र कुमार सिंह, अम्बिकेश पाण्डेय एवं संबंधित अधिकारी गण आदि उपस्थित थे।

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