October 10, 2024

मिट्टी का कीमत तो सबसे ज्यादा कुम्हार ही जानता है दीपक पाण्डेय।

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मिट्टी का कीमत तो सबसे ज्यादा कुम्हार ही जानता है दीपक पाण्डेय।

अमिट रेखा सुनील पांडेय
ब्यूरो महराजगंज मंडल प्रभारी

दीपावली भारत के सबसे बड़े और सर्वाधिक महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। दीपावली दीपों का त्योहार है। आध्यात्मिक रूप से यह ‘अन्धकार पर प्रकाश की विजय’ को दर्शाता है।
भगवान श्रीराम लंका में रावण का वध करके पुष्पक विमान से अयोध्या लौट रहे थे। तब अयोध्यावासियों ने सोचा कि अमावस्या की रात में कहीं श्रीराम अयोध्या का रास्ता न भटक जाएं। इसलिए उन्होंने पूरे नगर को दीपकों से सजा दिया, ताकि श्रीराम समझ जाएं कि यहीं अयोध्या नगरी है। तभी से दीपावली का पर्व मनाया जा रहा है।माना जाता है कि दीपावली के दिन अयोध्या के राजा राम अपने चौदह वर्ष के वनवास के पश्चात लौटे थे अयोध्यावासियों का हृदय अपने परम प्रिय राजा के आगमन से प्रफुल्लित हो उठा था। दिवाली दीपों का त्योहार है बुराई पर अच्छाई की जीत का त्यौहार है। भगवान श्री राम ने रावण का वध कर बुराई पर अच्छाई की जीत का निशान छोड़ा था।श्री राम के स्वागत में अयोध्यावासियों ने घी के दीपक जलाए। कार्तिक मास की सघन काली अमावस्या की वह रात्रि दीयों की रोशनी से जगमगा उठी। तब से आज तक भारतीय प्रति वर्ष यह प्रकाश पर्व हर्ष व उल्लास से मनाते हैं। भारतीयों का विश्वास है कि सत्य की सदा जीत होती है दिप एक ऐसा साथी है,जो अंधकार को मीटा कर उजालो की ओर ले चलता है,
मै दीपक पाण्डेय इस दिवाली में अंधकार को मिटाने के लिए एक साथी है, वो है दिप तो कर दिजीऐ रोशन इस जहां को और सजा दिजीऐ घर को गुलशन सा जैसे मेरे सरकार आऐ हैं अवध मे राम आये हैं।

104530cookie-checkमिट्टी का कीमत तो सबसे ज्यादा कुम्हार ही जानता है दीपक पाण्डेय।