जोड़ों में कट-कट की आवाज देती है गठिया का संकेत:डा.संजय अग्रवाला

Spread the love

अमिट रेखा गोरखपुर मण्डल
राजू प्रसाद श्रीवास्तव
जोड़ों में कई बार उठते-बैठते अचानक कट-कट की आवाज आती है, जिसे लोग अक्सर सामान्य समझकर नजरअंदाज कर देते हैं। वास्तव में यह गठिया का संकेत हो सकता है। जोड़ों में आने वाली कट-कट की इस आवाज को मेडिकल भाषा में क्रेपिटस कहा जाता है। यदि कट-कट की आवाज के अलावा कोई अन्य समस्या नहीं है, तो घबराने की आवश्यकता नहीं है। लेकिन यदि इसके साथ अन्य लक्षण भी जुड़े हुए हैं तो जल्द से जल्द समस्या की जांच की जरूरत है। “कट-कट की आवाज का कारण जोड़ों के भीतर मौजूद द्रव के साथ जुड़ा हुआ है। इस द्रव में हवा के कारण बने बुलबुले फूटने लगते हैं, जिसके कारण जोड़ों में कट-कट की आवाज आती है। जब जोड़ो के मूवमेंट के दौरान वहां मौजूद कार्टिलेज घिसने लगते हैं तो ऐसे में क्रेपिटस की समस्या होती है। आवाज की समस्या जोड़ों के मुड़ने, स्क्वाट्स करने, सीढ़ियां चढ़ने-उतरने, कुर्सी या जमीन से उठने आदि के दौरान हो सकती है। आमतौर पर, इस समस्या में चिंता वाली कोई बात नहीं है लेकिन यदि कार्टिलेज रफ हो जाए और आवाज के साथ दर्द की शिकायत भी होने लगे तो यह धीरे-धीरे ऑस्टियोपोरोसिस की बीमारी में बदल जाती है।”
ऑस्टियोपोरोसिस एक प्रकार की गठिया की बीमारी है, जिसमें हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। इसमें फ्रेक्चर का खतरा बहुत ज्यादा रहता है। ऑस्टियोपोरोसिस के अन्य कारणों में खान-पान, बदलती लाइफस्टाइल, व्यायाम की कमी, शराब का अत्यधिक सेवन, शरीर में कैल्शियम, विटामिन डी और प्रोटीन की कमी आदि शामिल हैं। “क्रेपिटस या ऑस्टियोपोरोसिस के मरीज को एक दिन में 1000-1500 मिलीग्राम कैल्शियम का सेवन करना चाहिए। दूध और दूध से बनी चीजें, हरी पत्तेदार सब्जियां, फल, ओट्स, ब्राउन राइस, सोयाबीन आदि का सेवन करें। भुने चने के साथ गुड़ खाने से कट-कट की आवाज दूर होती है। इसमें मौजूद कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन और विटामिन हड्डियों को मजबूती प्रदान करते हैं। वर्कआउट से पहले वॉर्मअप जरूर करें क्योंकि वॉर्मअप हड्डियों और मांसपेशियों को लचीला बना देता है जिससे जोड़ों में आवाज की समस्या की शिकायत नहीं होती है। यदि आपका वजन बहुत ज्यादा है तो वजन को कम करें क्योंकि मोटापा गठिया की बीमारी को जन्म देता है। आवाज के साथ जोड़ों में दर्द भी है तो जल्द से जल्द हड्डी के किसी अच्छे डॉक्टर से समस्या की जांच कराएं।”
विटामिन डी का सबसे अच्छा स्रोत सूरज की रोशनी है। हर दिन 15 मिनट के लिए धूप में बैठने से हड्डियों की कमजोरी दूर होती है। टहलने और दौड़ने से न केवल शारीरिक, बल्कि मानसिक क्षमता भी बढ़ती है। वजन उठाने वाली कसरत, चलना, दौड़ना, सीढ़ियां चढ़ना, ये व्यायाम हर उम्र में हड्डियों को स्वस्थ बनाए रखने में लाभदायक हैं। पानी कई बीमारियों का रामबाण इलाज होने के साथ यह हड्डियों को भी मजबूत व लचीला बनाता है। पानी की पार्याप्त मात्रा के सेवन से हड्डियों में जकड़न की समस्या भी दूर होती है। यह तो आपने देखा ही होगा कि कैसे छोटे शिशु की रोज मालिश की जाती है, जिससे उसकी नाजुक हड्डियां मजबूत बन सकें। इसी प्रकार से हर उम्र के लोगों को अपने जोड़ों की रोज मालिश करनी चाहिए।

9030cookie-checkजोड़ों में कट-कट की आवाज देती है गठिया का संकेत:डा.संजय अग्रवाला
Editor

Recent Posts

अमित शर्मा ने संभाला तमकुहीराज थाने का कमान, अपराधियों में मचा हड़कंप

गौ तस्कर और अपराधियों की खैर नहीं - प्रभारी निरीक्षक अमित शर्मा  आर.एन.पांडेय अमिट रेखा/तमकुहीराज।…

5 days ago

सांसद द्वारा सम्पन्न हुआ कार्यकर्ता सम्मान समारोह

अमिट रेखा/आर.एन.पांडेय तमकुहीराज। किसी भी दल के लिए कार्यकर्ता रीढ़ की हड्डी के समान होता…

1 week ago

आवास न मिलने की पात्र ने की शिकायत,आवास दिलाने के नाम पर पैसा लेने का लगाया आरोप

प्रधानमंत्री आवास न मिलने की पात्र ने की शिकायत सभासद प्रतिनिधि की सह पर आवास…

2 weeks ago

एंबुलेंस की टक्कर से एक की हुई मौत परिवार मे छाया मातम

एंबुलेंस की टक्कर से एक की हुई मौत परिवार मे छाया मातम  छात्र पुलिस भर्ती…

2 weeks ago

कार्यकर्ताओ को लेनी पड़ेगी भाजपा की सदस्यता- जिलाउपाध्यक्ष

कार्यकर्ताओ को लेनी पड़ेगी भाजपा की सदस्यता- जिलाउपाध्यक्ष .पीएम मोदी करेंगे अभि‍यान की शुरुआत -…

2 weeks ago

बघौचघाट थाने की होने लगी किरकिरी

   बघौचघाट थाने की होने लगी किरकिरी .श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर लगी भीड़ , कुछ…

2 weeks ago