4 फरवरी- विश्व कैंसर दिवस

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वैश्विक स्तर पर कैंसर मृत्यु का दूसरा प्रमुख कारण है: डॉ0 विनोद यादव

अमिटरेखा-परवेज आलम
हतवा भटनी

स्थानीय नगर पंचायत के बहादुर यादव मेमोरियल पी0जी0 कॉलेज-भटनी, देवरिया के प्राचार्य डॉ0 विनोद यादव ने 4 फरवरी विश्व कैंसर दिवस पर बोले कि – विश्व कैंसर दिवस एक वैश्विक कार्यक्रम है। यह कार्यक्रम विश्व के लोगों को कैंसर के खिलाफ लड़ाई लड़ने में एकजुट करने के लिए प्रतिवर्ष 4 फरवरी को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य कैंसर के बारे में शिक्षा और जागरूकता बढ़ाना तथा विश्व में सरकारों और व्यक्तियों को कार्यवाही करने के लिए संवेदनशील बनाना है। विश्व कैंसर दिवस मनाने की शुरुआत सन 1933 ईस्वी में हुई। जब अंतरराष्ट्रीय कैंसर संघ ( यू0 आई0 सी0सी0 ) यह एक अग्रणी वैश्विक एन0जी0ओ0 है। इसके द्वारा स्विट्जरलैंड के जेनेवा में पहली बार विश्व कैंसर दिवस मनाया गया। इसके अलावा कैंसर की बढ़ते प्रकोप और इसके भयावह परिणामों को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा प्रत्येक वर्ष विश्व कैंसर दिवस मनाने का निर्णय लिया गया। ताकि आने वाले समय में उसके प्रति जागरूकता का आंकड़ा बड़े और कई जिंदगियों को इस से बचाया जा सके। विश्व कैंसर दिवस को भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में मनाया जाता है और कैंसर के प्रति जागरूकता के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इस कार्यक्रमों का आयोजन मुख्य रूप से विभिन्न स्वास्थ्य संगठनों द्वारा किया जाता है। ताकि आम जन तक कैंसर से जुड़ी जानकारी पहुंचकर उन्हें बीमारी से बचाया जा सके। कैंसर जैसी बीमारी से बचने का सबसे सही उपाय है, सावधानी और सतर्कता कैंसर से बचने के लिए इसके विभिन्न कारणों और लक्षणों के बारे में जानकारी रखना बेहद आवश्यक है। वर्तमान समय तक कैंसर कई रूपों में पैर पसार चुका है। जिन में स्तन कैंसर, फेफड़े का कैंसर, गर्भाशय का कैंसर , ब्लड कैंसर, पेट का कैंसर, शामिल है। साल 2019 से 2021 तक 3 साल के लिए विश्व कैंसर दिवस का विषय रखा गया है ” मैं हूं और मैं रहूंगा” ( आई एम एंड आई बिल ) जिसका मतलब है, कि हर किसी में क्षमता है, कि वह कैंसर से लड़ सकता है साल 2018 में कैंसर की बीमारी की वजह से दुनिया भर में 96 लाख से ज्यादा मौतें हुई थी। अगर यह नियंत्रित नहीं किया गया, तो वर्ष 2030 तक यह खतरनाक स्तर पर पहुंच सकती हैं। इस लिए यह बहुत जरूरी है, कि इसे दुनिया के हर कोने में नियंत्रित किया जाए इस लिए समय की मांग है कि इस बीमारी के बारे में जागरूकता बढ़ाने के साथ कैंसर से निपटने की व्यवहारिक रणनीति विकसित करना है!

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amitrekha2006

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