समग्र दृष्टिकोण आधारित चिकित्सा आज की जरूरत : डॉ. विट्ठल
एमजीयूजी के आयुर्वेद कॉलेज में एकीकृत चिकित्सा पर केंद्रित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार ‘आरोग्य संगम-2025’ का समापन
अमिट रेखा/ विनीत कुमार
गोरखपुर। महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय, गोरखपुर (एमजीयूजी) के गुरु गोरक्षनाथ इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (आयुर्वेद कॉलेज) में एकीकृत चिकित्सा पर केंद्रित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार ‘आरोग्य संगम–2025’ का शनिवार को समापन हुआ। समापन दिवस के विशेष सत्र में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान नई दिल्ली के काय चिकित्सा विभाग के प्रोफेसर डॉ. विट्ठल हुड्डर ने समन्वित चिकित्सा प्रणाली में कैंसर उपचार के आयुर्वेदिक दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला।
डॉ. विट्ठल ने विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा बताए गए पारंपरिक, पूरक एवं समन्वित चिकित्सा पद्धतियों के सिद्धांतों का उल्लेख किया और बताया कि समन्वित चिकित्सा प्रणाली का उद्देश्य संपूर्ण और समग्र दृष्टिकोण पर आधारित उपचार पद्धति को अपनाना है। यह आज की जरूरत भी है। उन्होंने कहा कि चिकित्सा प्रणाली का एकीकरण तीन प्रमुख क्षेत्रों संसाधन, शिक्षा और व्यवहारिक प्रयोग में संभव है। अपने अनुभव साझा करते हुए उन्होंने बताया कि उनके चिकित्सालय में स्तन कैंसर और फेफड़ों का कैंसर सबसे सामान्य रूप से पाए जाने वाले रोग हैं। साथ ही उन्होंने कैंसर के आयुर्वेदिक दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला तथा रसायन चिकित्सा के महत्व को विस्तार से समझाया।
अध्यक्षीय भाषण देते हुए एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी पुणे के प्रोफेसर एमेरिटस डॉ. एलेक्स हैंकी ने समन्वित जीवविज्ञान विषय पर चर्चा करते हुए बताया कि समग्र जीवविज्ञान ही समग्र स्वास्थ्य और जीवन शक्ति को वैज्ञानिक रूप से समझाने में सक्षम है। इस अवसर पर सेमिनार के आयोजन में सहयोग करने वाले आयोजकों को सम्मानित भी किया गया।
अंतरराष्ट्रीय सेमिनार के समापन अवसर पर गुरु गोरक्षनाथ इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के प्राचार्य डॉ. गिरिधर वेदांतम, डॉ. आर. पुष्पम, डॉ. दीपू मनोहर, डॉ. धन्या वी. नायर आचार्य साध्वी नंदन पांडेय, डॉ. टी.एम. त्रिपाठी, डॉ. प्रीति पांडेय सहित आयुर्वेद कालेज के अन्य प्राध्यापक, चिकित्सक और शोधार्थी उपस्थित रहे।