राहत आयुक्त कार्यालय एवं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के संयुक्त तत्वाधान में सर्पदंश न्यूनीकरण कार्यक्रम पर कार्यशाला का हुआ आयोजन
अमिट रेखा /प्रदीप कुमार श्रीवास्तव/ कुशीनगर
सर्पदंश न्यूनी करण कार्यक्रम के अन्तर्गत आज जिलापंचायत सभागार में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण में जनपद के 50 चिकित्साधिकारियों ने भाग लिया।
राहत आयुक्त भानु चंद्र गोस्वामी ने सर्पदंश के बढ़ते मामलों को देखते हुए चिकित्सकों को वैज्ञानिक और व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करने पर जोर दिया गया। राज्य स्तर पर प्रबंधक कार्मिक शांतनु द्विवेदी ने समन्वय का दायित्व संभाला। सर्पदंश कंसल्टेंट काव्या शर्मा ने प्रशिक्षण की रूपरेखा तकनीकी विषय वस्तु तैयार किया।
जिलाधिकारी महेंद्र सिंह तंवर के निर्देश के क्रम में सर्पदंश के क्लिनिकल प्रबंधन पर जानकारी देते हुए डा० बलराम दत्त शर्मा तथा डॉ राजीव कुमार ने बताया कि चिकित्सको के लिए यह अत्यंत आवश्यक है कि वे सर्पदंश के मामलों में त्वरित निर्णय लें व इलाज की दिशा में शीघ्र कदम उठाये। डॉ उमेश चंद्र यादव तथा डॉ मुकेश कुमार यादव ने विषैला और गैर विषैला सर्पदंश की पहचान के बारे में बताया और कहा कि हर सर्पदंश जानलेवा नहीं होता, लेकिन पहचान में लापरवाही घातक हो सकती है। उन्होंने रक्तस्राव, मांसपेशियों में कमजोरी व सांस लेने में कठिनाई जैसे लक्षणों की जानकारी दी। डॉ सुशील कुमार गौतम तथा डॉ प्रशांत मल्ल ने ग्रामीण क्षेत्रों में सर्पदंश के प्रबंधन में चिकित्सकों की भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि चिकित्सक न केवल इलाज करते हैं, बल्कि समुदाय में जागरूकता फैलाने का कार्य भी करते हैं। कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ चंद्र प्रकाश एवं अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व वैभव मिश्रा द्वारा तथा संचालन डॉ मनोज राय ने किया।
इस अवसर पर जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण कुशीनगर से आपदा विशेषज्ञ रवि प्रताप राय, रहे।
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