भगवान राम के जन्म और ताड़का वध का मंचन
अयोध्या के कलाकारों द्वारा किए गये रामलीला में दर्शकों में जीवंतता ला दिया
अमिट रेखा /राम अशीष तिवारी/खजनी
गोरखपुर/खजनी तहसील के अंतर्गत स्थित ग्राम सभा बडिला में रामलीला का आयोजन चल रहा है बीती रात को, जिसमें राजा दशरथ के दरबार में राम के जन्म की खुशी मनाई जाती है और फिर महर्षि विश्वामित्र के कहने पर भगवान राम द्वारा दुष्ट राक्षसी ताड़का का वध किया जाता है ताकि ऋषियों के यज्ञ करने में बाधा न आए।
रामलीला में राजा दशरथ के राज दरबार में एक दरबारी सूचना देता है कि देवी कौशल्या, कैकेयी और सुमित्रा को पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई है।
प्रजा में खुशी की लहर दौड़ गई: यह सुनकर राजा दशरथ प्रसन्न होते हैं और सुमंत को प्रजा में उपहार बांटने का आदेश देते हैं, जिससे समूचे अयोध्या में खुशी का माहौल बन जाता है। ताड़का नाम की एक दुष्ट राक्षसी थी जो अपने दो भाईयों सुबाहु और मारीच के साथ सुंदर वन में रहती थी और महर्षि विश्वामित्र के यज्ञ में बाधा उत्पन्न कर यज्ञ को भ्रष्ट कर देती थी।
महर्षि विश्वामित्र राजा दशरथ के पास आते हैं महाराज दशरथ मुनि विश्वामित्र का यथोचित आदर, सत्य कार करने के पश्चात मुनि विश्वामित्र से पधारने का कारण पूछते हैं तो मुनि विश्वामित्र महाराज दशरथ से ताड़का के आतंक का वर्णन करते हुए राम और लक्ष्मण को अपने यज्ञ की रक्षा के लिए अपने साथ ले जाने के लिए अनुमति मांगते हैं।
राजा दशरथ मुनि का आदेश सुनकर हतप्रभ हो कर कहते हैं कि हे मुनिवर मैंने चौथे पन में चारों पुत्रों को प्राप्त किया है आपने अपने बचन विचार कर नहीं कहा है राजा दशरथ की पुत्रों के प्रति ममता जान कर गुरु वशिष्ठ ने महाराज दशरथ से अनुज समेत राम को मुनि विश्वामित्र को देने की आदेश देते हैं।
राजा दशरथ की आज्ञा पर राम और लक्ष्मण मुनि विश्वामित्र के साथ जाते हैं,और रास्ते में एक भयानक जंगल पड़ता है जिसमें महा विध्वंसकारी ताड़का, सुबाहु और मारीच के रहने की बात राम और लक्ष्मण से बताते हुए कहते हैं ताड़का इस जंगल में प्रवेश करने वाले मानव का भक्षण कर जाती है आप अपने धनुष पर वांण चढ़ा ले राम लक्ष्मण ने कहा हे मुनिवर आप चलें और अपने यज्ञ को प्रारंभ करें तब तक वहां ताड़का आ जाती है और भगवान राम ताड़का और सुबाहु का वध करते हैं जिससे सुंदर वन का नाम ताड़का वन से हट जाता है और ऋषियों के यज्ञ विध्नहीन हो जाते हैं। इस अवसर पर आदित्य शर्मा रमेश शर्मा नाथ शर्मा योगेंद्र वीरेंद्र शर्मा दिनेश चंद शर्मा जितेंद्र और सीता शरण शर्मा ने झांकी की आरती उतारा इस अवसर में बड़ी संख्या में ग्रामवासी रामलीला में उपस्थित हो कर रामलीला के मंचन की सराहना की।