भंते ज्ञानेश्वर के परिनिर्वाण पर विधायक पंचानंद पाठक ने दी श्रद्धांजलि
अमिट रेखा/कसया/ कुशीनगर
विधायक पंचानंद पाठक व नगर पालिका चेयरमैन प्रतिनिधि राकेश जायसवाल ने मंगलवार को बर्मा मंदिर पहुंचकर बौद्ध धर्मगुरु परमपूज्य भदंत ज्ञानेश्वर महास्थविर को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने उनके आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की और कहा कि भंते ज्ञानेश्वर कुशीनगर के सृजनकर्ता थे।
श्रद्धांजलि सभा के दौरान मंदिर परिसर में भंते ज्ञानेश्वर द्वारा गाया गया महा परित्राण पाठ का जाप लगातार चलता रहा। करीब 90 वर्ष की आयु में भंते ज्ञानेश्वर का निधन हुआ था। उनका पार्थिव शरीर कुशीनगर स्थित बर्मा मंदिर में रखा गया है। लगातार देश-विदेश से बौद्ध अनुयायी, राजनैतिक, सामाजिक, धार्मिक और प्रशासनिक प्रतिनिधि पहुंचकर पुष्प अर्पित कर रहे हैं।
विधायक पी.एन. पाठक ने श्रद्धांजलि दिया बिधायक पीं. एन.पाठक ने कहा कि भंते ज्ञानेश्वर ने कुशीनगर को विश्व बौद्ध मानचित्र पर स्थापित करने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने न सिर्फ बौद्ध धर्म का प्रचार-प्रसार किया बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में भी अमूल्य योगदान दिया। गरीब बच्चों की शिक्षा के लिए मंदिर परिसर में विद्यालय की स्थापना कर उन्होंने समाज को नई दिशा दी।
उन्होंने कहा कि जब भंते ज्ञानेश्वर कुशीनगर आए थे, तब यह स्थान निर्जन था। देशी-विदेशी श्रद्धालुओं के सहयोग से उन्होंने यहां विकास की नई धारा प्रवाहित की। ऐसे महान संत को नमन करता हूं।
भंते ज्ञानेश्वर के निधन से कुशीनगर समेत पूरा बौद्ध समुदाय शोक में डूबा है। वे आजीवन बौद्ध धर्म के प्रचार-प्रसार और उसके सिद्धांतों के पालन में समर्पित रहे। उनका प्रभाव केवल कुशीनगर तक सीमित नहीं रहा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बौद्ध जगत तक फैला।
श्रद्धांजलि सभा में विधायक प्रतिनिधि रुद्र प्रकाश सिंह, भंते नंद रतन, माता जी नंदिका, भंते अशोक, भंते उपाली, पूर्व छात्र संघ उपाध्यक्ष कविंद्र पांडेय, चंद्रशेखर सिंह, राज पाठक सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।
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