प्राकृतिक कहर झेल रहा किसान भयंकर बारिश व तेज हवा ने मचाई तबाही
अमिट रेखा/कुशीनगर
कुशीनगर में किसानों के ऊपर प्रकृति का तीन तरह का कहर बरसता है,सूखा बाढ़,और तेज हवाएं या आंधी,उन तीनों से प्रकृति के द्वारा किसानों को भारी नुकसान पहुंचता है,जिसके कारण किसान परेशान हो जाते हैं,कई बार तो अधिकांश ऐसा देखा गया है की किसान फसल बर्बादी को देखते हुए आत्महत्या तक कर लेता है,फिर भी सरकार उसके ऊपर ध्यान नहीं देती है इसी माहौल में आज पूरब से तेज हवाएं चलने के कारण गन्ना किसानों को भारी भरकम नुकसान का सामना करना पड़ रहा है,कल से तेज हवाएं के साथ भारी बारिश होने के कारण जिन किसानों के गन्ना ज्यादा बढ़ा हुआ है वह एक दम गिर कर जमीन पर पसर गया है, यही हाल पके हुए धानो का तथा मंसूरी धानों का भी है, जो पूरा का पूरा पानी भरने के कारण खेतों में गिर गया है,फिर भी किसान प्रकृति के आगे कोई टिप्पणी नहीं करता तथा अपने भाग्य को कोचता रहता है,किसान प्रकृति के आगे घुटने टेकने पर मजबूर हो जाता है,व खेती को भगवान के भरोसे छोड़ देता है
दो दिनों से तेज हवाएं व बारिश हो रही है इससे निम्न गांव में भारी भरकम नुकसान हुआ है,जैसे फुलवरिया,मोरवन, धुंआटीकर,रामकोला, सपहा फरना, बैरिया परोरहा, उरदहां के किसानों ने जब अपने खेत की तरफ गए तो,अपने खेतों की हालत देख अपने सर पर हाथ रखकर भगवान को याद करने लगे |
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