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चार दिवसीय रॉकेट्री एवं कैनसेट लॉन्च रकबा जंगली पट्टी में प्रतियोगिता का हुआ शुभारंभ

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चार दिवसीय रॉकेट्री एवं कैनसेट लॉन्च रकबा जंगली पट्टी में प्रतियोगिता का हुआ शुभारंभ
विज्ञान के चमत्कार से गूंज उठा रकबा जंगली पट्टी लोगों ने तालियों की गड़गड़ाहट से किया स्वागत
आज प्रथम दिवस चार कैनसेट का सफल प्रक्षेपण, युवा वैज्ञानिकों में उमंग
अमिट रेखा /प्रदीप कुमार श्रीवास्तव /कुशीनगर
जनपद के सेवरही विकासखंड अंतर्गत ग्राम रकबा जंगली पट्टी के जीरो बंधा के समीप आज विज्ञान का रोमांचक दृश्य देखने को मिला, जब आसमान में एक के बाद एक चार रॉकेट धधकते हुए ऊपर उठे और पैराशूट के सहारे धीरे-धीरे धरती पर लौट आए। यह दृश्य देखते ही उपस्थित सैकड़ों लोगों की तालियों की गड़गड़ाहट से कार्यक्रम स्थल गूंज उठा। युवा वैज्ञानिकों के चेहरे सफलता की खुशी से खिले नजर आए, वहीं प्रशासनिक अधिकारियों और ग्रामीणों ने भी इस उपलब्धि पर उन्हें बधाई दी।
     चार दिवसीय रॉकेट्री एवं कैनसेट लॉन्च प्रतियोगिता का आयोजन इसरो (ISRO) और इन-स्पेस के निर्देशन में 27 अक्टूबर से 30 अक्टूबर तक किया जा रहा है। पहले दिन प्रातः 9 बजे कार्यक्रम का शुभारंभ इसरो इन-स्पेस के निदेशक डॉ. विनोद कुमार और वरिष्ठ वैज्ञानिकों की देखरेख में हुआ। तकनीकी कारणों से निर्धारित समय से दो घंटे की देरी के बाद कार्यक्रम प्रारंभ हुआ, लेकिन जैसे ही पहला रॉकेट 9:30 बजे प्रक्षेपित हुआ, पूरा स्थल उत्साह से झूम उठा।
    पहला कैनसेट लगभग 1000 मीटर की ऊंचाई तक पहुंचा और सुरक्षित रूप से नीचे उतरा। दूसरा 600 मीटर, तीसरा 800 मीटर, और चौथा 900 मीटर की ऊंचाई तक गया। चारों रॉकेटों का सफल परीक्षण होते ही वैज्ञानिकों और आयोजकों ने एक-दूसरे को बधाई दी।
      इस अवसर पर इसरो इन-स्पेस निदेशक डॉ. विनोद कुमार ने कहा *भारत के इतिहास में यह पहला अवसर है जब एक साथ चार कैनसेट का सफल परीक्षण किया गया है। यह हमारे छात्र वैज्ञानिकों की प्रतिभा और समर्पण का प्रमाण है*।
         उन्होंने बताया कि यह प्रतियोगिता एस्ट्रोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया (ASI) द्वारा इसरो, इन-स्पेस और एनएसआईएल के सहयोग से आयोजित की जा रही है, जिसका उद्देश्य देशभर के छात्रों में अंतरिक्ष विज्ञान और तकनीकी के प्रति रुचि और नवाचार की भावना को बढ़ावा देना है।
    चार में से शेष छह रॉकेटों का प्रक्षेपण तकनीकी कारणों और प्रतिभागी टीमों की तैयारी के चलते आगामी सत्र में किया जाएगा। इस आयोजन में देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों और कॉलेजों से आए युवा वैज्ञानिकों ने हिस्सा लिया, जिनमें केरल से आए श्रीनाथन, मुरली, अश्विन, आदित्य, किरनाथना और वेंकटेश प्रमुख रहे।
      इस अवसर पर सांसद शशांक मणि त्रिपाठी ने युवा वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए कहा,
यह सफलता पूर्वांचल के लिए गर्व की बात है। आने वाले समय में यही युवा भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रमों की रीढ़ साबित होंगे
       कार्यक्रम दौरान उपजिलाधिकारी तमकुहीराज आकांक्षा मिश्रा, सीओ राकेश प्रताप सिंह, थानाध्यक्ष सेवरही धीरेंद्र राय, सांसद प्रतिनिधि धीरज त्रिपाठी सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण, छात्र और प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे।
Rajan Pandey

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