कर्मचारियों कि ड्यूटी न्याय पंचायत स्तर पर लगाया गया तथा दिया निर्देशित
अमिट रेखा /प्रदीप कुमार श्रीवास्तव/ कुशीनगर
जिलाधिकारी महेंद्र सिंह तंवर ने पराली (धान की पूआल/अन्य कृषि अपशिष्टों) के जलाये जाने के कारण होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करने हेतु जनपद स्तर एवं तहसील स्तर पर सचल दस्ता गठित किया गया है।
जिलाधिकारी ने कर्मचारियों कि ड्यूटी न्याय पंचायत स्तर पर लगाया गया है तथा निर्देशित किया गया है कि सम्बंधित कर्मचारी अपने न्याय पंचायत के समस्त राजस्व ग्रामों में पराली/फसल अपशिष्ट जलाने से रोकने हेतु निम्नानुसार कार्यवाही करना पंचायत केस समस्त राजस्व ग्रामों में पराली / फसल अपशिष्ट सुनिश्चित करें। कृषकों के मध्य फसल अवशेष जलाने लाने से मिट्टी जलवायु एवं मानव स्वास्थ्य को होने वाली हानि के विषय में जाये कि मा० राष्ट्रीय हरित अधिकरण के आदेशानुसार अवगत कराया जाये। सम्बन्धित राजस्व ग्राम में पराली न जलाये जाने हेतु आप द्वारा समस्त कदम उठाये जायें तथा पराली जलाने पर सम्बन्धित लेखपाल के साथ सम्बन्धित कर्मचारी का पूर्ण रुप से उत्तरदायित्व निर्धारित किया जायेगा। तहसील एवं विकास खण्ड के समस्त लेखपाल एवं अन्य ग्राम प्रधानों को सम्मिलित करते हुये एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया जाये उस क्षेत्र में कहीं भी फसल अवशेष जलाये जाने की घटना होती है तो सम्बन्धित लेखपाल एवं ग्राम प्रधान व्हाट्सएप ग्रुप एव दूरभाष के माध्यम से सम्बन्धित तहसील स्तर पर गठित सचल दस्ते को तत्काल इसकी सूचना देगें। पराली /कृषि अपशिष्ट जलाये जाने की घटना पाये जाने पर सम्बन्धित को दण्डित करने के सम्बन्ध में राजस्व अनुभाग-10 के अनुरूप दण्डात्मक कार्यवाही की जाये तथा सम्बन्धित के विरुद्ध अर्थदण्ड लगाये जाने के सम्बन्ध में कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी जो निम्नानुसार है।
कृषि भूमि का क्षेत्रफल 02 एकड़ से कम होने की दशा में अर्थदण्ड रु० 5000/-प्रति घटना ना, कृषि भूमि का क्षेत्रफल 02 एकड़ से अधिक किन्तु 05 एकड़ तक होने की दशा में अर्थदण्ड रु० 10000/- प्रति घटना। कृषि भूमि का क्षेत्रफल 05 एकड़ से अधिक होने की दशा में अर्थदण्ड रु० 30000/- प्रति घटना। इन-सीटू मैनेजमेन्ट हेतू नियमानुस नियमानुसार अनुमन्य कृषि यंत्रों का प्रचार-प्रसार एवं उपलब्ध इन सीटू यंत्रों के माध्यम से फसल अवशेष प्रबन्धन कराय जाये साथ ही जनजागरण अभियान के माध्यम से भी फसल अवशेष न जलाये जाने एवं फसल अवशेष प्रबन्धन हेतु सचेत करते हुए कृषकों को प्रेरित करेंगे। विकास खण्ड एवं न्याय पंचायत स्तरीय सचल दस्ता का नियुक्त किया जा चूका है।
उन्होंने बताया कि सेक्टर अधिकारी दुदही, फ़ाज़िलनागर, हाटा, कप्तानगंज, कसया, खड्डा, मोतीचक, नेबुआ नोरंगिया, पडरौन्ना, रामकोला, सेवरही, सुकरौली, तमकुही राज, विशुनपुरा न्याय पंचायत एवं सहयोगी कृषि विभाग, राजस्व विभाग सम्बंधित लेखपाल तथा पुलिस विभाग सम्बंधित थानाध्यक्ष को नियुक्त किया है।
उन्होंने निर्देशित किया है कि कृषि अपशिष्ट जलाने वाले व्यक्ति / कृषक के विरुद्ध सचल दस्ते का यह दायित्व होगा कि धान की कटाई से लेकर रबी में गेहूँ की बुआई तक फसल अवशेष जलाने के रोकथाम के लिये की गई कार्यवाही की सतत् निगरानी एवं अनुश्रवण करते हुये प्रत्येक कार्य दिवस की सूचना अनिवार्य रुप से जनपद स्तर गठित सचल दस्ते को दिया जाये। प्रत्येक ग्राम के क्षेत्रीय लेखपाल एवं ग्राम प्रधान को यह निर्देशित किया जाता है कि किसी भी दशा में अपने क्षेत्र से पराली / कृषि अपशिष्ट न जलाने दिया जाये। कृषि अपशिष्ट जलाने की घटना प्रकाश में आने पर सम्बन्धित लेखपाल जिम्मेदार होंगे। इसके अतिरिक्त सहायक विकास अधिकारी (कृषि) इन- सीटू मैनेजमेन्ट हेतु नियमानुसार अनुमन्य कृषि यन्त्रों का प्रचार प्रसार एवं उपलब्ध इन-सीटू यन्त्रों के माध्यम से फसल अवशेष प्रबन्धन हेतु सचेत करते हुये कृषकों को प्रेरित करेंगे। सम्बन्धित प्रतिदिन की सूचना अपरजिलाधिकारी वित एवं राजस्व को उपलब्ध कराने के साथ ही उप कृषि निदेशक, कुशीनगर को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। कृषि अपशिष्ट को जलाये जाने निषिद्ध किये जाने के सम्बन्ध में कृत कार्यवाही से सम्बन्धित सूचना उपलब्ध कराये।